सामना संवाददाता / मुंबई
रायगड और नासिक जिलों के पालक मंत्री का मुद्दा पिछले कुछ महीनों से विवाद का विषय रहा है। इस बीच कल छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ले ली। भुजबल के मंत्री बनने के बाद नासिक के पालक मंत्री पद को लेकर विवाद समाप्त हो जाएगा या और बढ़ेगा, इस पर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक अब शिंदे गुट को नासिक का पालक मंत्री का पद मिलना नामुकिन हो गया है। बता दें कि अजीत गुट ने नासिक और रायगड दोनों जिलों के पालक मंत्री के पदों पर नजर रखी है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे को रायगड का पालक मंत्री नियुक्त किया गया था। नासिक के पालकमंत्री पद के लिए दादा गुट के माणिकराव कोकाटे का नाम सबसे आगे था। इसलिए तीन महीने से यह मुद्दा गंभीर हो गया था। कल छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली। छगन भुजबल लंबे समय तक नासिक के पालक मंत्री रहे हैं। इसलिए भुजबल समर्थक उनके लिए पालक मंत्री का पद देने की मांग कर रहे हैं। इसलिए, यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या भुजबल के शपथ ग्रहण समारोह से नासिक के पालक मंत्री पद का मुद्दा सुलझ जाएगा या और बिगड़ जाएगा। शिंदे गुट ने अजीत पवार गुट को पालक मंत्री पद दिए जाने का कड़ा विरोध किया था। इसलिए सबसे पहले जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन के नाम की घोषणा की गई। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह निर्णय स्थगित करना पड़ा। शिंदे गुट के दादा भुसे और दादा गुट के माणिकराव कोकाटे पालक मंत्री पद की जौड़ में थे।