सामना संवाददाता / मुंबई
सिंधुदुर्ग जिले के मालवण स्थित ऐतिहासिक राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास बने चबूतरे का कुछ हिस्सा धंस जाने की चौंकाने वाली घटना हाल ही में सामने आई है। यह प्रतिमा मात्र एक महीने पहले ही नए सिरे से स्थापित की गई थी। इस मुद्दे पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने सरकार पर जोरदार निशाना साधा है। रोहित पवार ने कहा कि निकृष्ट दर्जे की सामग्री के कारण मालवण के राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी और अब जब सरकार ने दावा किया कि नई प्रतिमा सौ वर्षों तक अडिग रहेगी, तो सौ दिन भी नहीं बीते और प्रतिमा के चबूतरे का भराव धंस गया। इससे सवाल उठता है कि क्या यह सरकार महापुरुषों की प्रतिमाएं उनके विचारों और प्रेरणा के लिए बना रही है या केवल ठेकेदारों को लाभ दे रही है? जब खुद सरकार के विचारों की गहराई नहीं है, तो उनसे मजबूत नींव की उम्मीद वैâसे की जा सकती है? अब इस पर केवल अस्थायी मरम्मत की जाएगी, लेकिन सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि एक महीने में भराव वैâसे धंस गया। इसका साफ मतलब है कि काम भी निकृष्ट दर्जे का था। एक शिवभक्त के रूप में हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार सहित कई मान्यवर उपस्थित थे, लेकिन महज कुछ हफ्तों में ही चबूतरे के पास लगे जांभा पत्थरों का हिस्सा धंस जाने के कारण इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें कि मालवण स्थित राजकोट किले पर २०२३ में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, लेकिन कुछ ही महीनों बाद यह प्रतिमा तेज आंधी-तूफान में गिर गई थी, जो एक चौंकाने वाली घटना थी। इसके बाद राज्यभर में इस पर तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। इसके चलते राज्य सरकार ने प्रतिमा को फिर से स्थापित किया, लेकिन अब इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।