मुख्यपृष्ठस्तंभसिटीजन रिपोर्टर : सावधान!... कहीं आपकी प्रॉपर्टी की सनद न बन जाए?

सिटीजन रिपोर्टर : सावधान!… कहीं आपकी प्रॉपर्टी की सनद न बन जाए?

उल्हासनगर

‘नजर हटी दुर्घटना घटी’ कहावत उल्हासनगर पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उल्हासनगर मनपा का एसडीओ, हाउस टैक्स विभाग और सिटी सर्वे ऑफिस तीनों ही विभाग के लोग इतने भ्रष्ट और निर्भीक हैं कि वो गलत कार्य करने में जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर चंद्रकांत मिश्रा ने उल्हासनगर के इन तीनों विभागों के कारनामों का खुलासा करते हुए लोगों को हमेशा सतर्क रहने की बात कही है।
चंद्रकांत मिश्रा ने कहा कि उल्हासनगर मनपा का टैक्स विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है। टैक्स विभाग के अधिकारी बिना जांच-परीक्षण के ही टैक्स बनाकर दे देते हैं। दर्जनों मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें मृतक को जीवित बताकर बोगस कागजात के सहारे टैक्स पावती आसानी से बनाकर मिल जाती है। एसडीओ गिरासे ने आरक्षित सरकारी प्लॉट को बिल्डर, शहर के भूमाफियाओं के नाम कर दिया। काफी उग्र विरोध और आंदोलन के बाद उसे पुन: रद्द किया गया। शहर का सिटी सर्वे कार्यालय दलालों का अड्डा बना है। प्रॉपर्टी कार्ड के लिए उपभोक्ताओं से मोटी रकम ली जाती है, जो लोग सिटी सर्वे कार्यालय के अधिकारियों को रिश्वत नहीं देते हैं उन्हें ठाणे भेजा जाता है और जो रिश्वत देते हैं, उन्हें उल्हासनगर में ही प्रॉपर्टी कार्ड बनाकर दे दिया जाता है। प्रॉपर्टी कार्ड का रेट २५ हजार रुपए से शुरू होकर लाखों रुपए तक है।
उल्हासनगर के सिटी सर्वे ऑफिस को लेकर सामान्य लोग काफी परेशान हैं। एसडीओ, सिटी सर्वे और मनपा के टैक्स विभाग के चलते यदि आप सजग नहीं हैं तो आपकी जमीन किसी और के भी नाम की जा सकती है। कार्यालय में काम करनेवाले लोगों से लोग परेशान हैं कि उनकी गलतियों का खामियाजा लोगों को न्यायालय की दौड़ लगाते हुए वर्षों से भुगतना पड़ रहा है। लोग अपनी ही जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए सरकारी कार्यालय और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं। उल्हासनगर के लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा, इसके लिए हर पंच वर्षीय चुनाव में मालिकाना हक दिलाने का घोषणा पत्र में एलान किया जाता है। लेकिन चुनाव के बाद बरसों से चले आ रहे घोषणा पत्र के सनद की घोषणा अनुसार काम करवा पाने में विधायक फेल हो जाता है। चंद्रकांत मिश्रा का कहना है कि सरकार को चाहिए कि जिन्हें सनद नहीं मिली है उनके घर जाकर तुरंत जांच कर उन्हें जगह पर ही मालिकाना हक का अधिकार पत्र देना चाहिए। बरसों से लोगों ने जमीनी मालिकाना हक पाने के लिए एक बार नहीं, बल्कि कई बार कागज जमा किए हैं, परंतु राज्य सरकार केवल लॉलीपाप देने का काम कर रही है।

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