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सिटीजन रिपोर्टर : बैरिकेटिंग के बाद भी दक्षिण मुंबई में समस्या बरकरार …बाइकर्स मचा रहे हैं बवाल!

मुंबई। दक्षिण मुंबई में मलबार हिल, वालकेश्वर बाणगंगा काफी प्रसिद्ध हैं। इसके बावजूद कई वर्षों से यहां के मेहनतकश लोगों की किस्मत में सुधार नहीं हुआ है। शायद उनकी किस्मत में हमेशा मुसीबत ही झेलना लिखा है। यहां के लोगों की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एक समस्या कम नहीं होती कि दूसरी आ जाती है। प्रशासन ने यहां के रास्तों को छोटे पत्थरों से बनाया था। ढलान वाला रास्ता होने के कारण रास्ते पर चलने वाले लोग अक्सर फिसलकर गिर रहे थे। जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो इस रास्ते को समतल बनाया गया, जिसके बाद यहां बाइकर्स का आवागमन चालू हो गया है। बाइकर्स के चलते बगल के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का इस रास्ते पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। बगल में ही सेंट एलिजा बेथ जनरल हॉस्पिटल के मरीजों का भी इस रास्ते से आना-जाना होता है। यहीं पर ‘बाणगंगा तालाब’ भी है। जहां भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। ऐसे में अगर यहां किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इस विषय पर ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर राजेश बी. गुप्ता के समक्ष यहां के लोगों ने प्रशासन को खूब लताड़ा है। काफी खरी-खोटी सुनने के बाद भी प्रशासन आंख मूंदकर सोया है।
आखिर प्रशासन इस विषय पर सुध क्यों नहीं ले रहा है। क्या वो किसी हादसे का इंतजार कर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता चिराग दवे और स्थानीय लोगों के दबाव के बाद प्रशासन ने यहां स्टील का बैरिकेट लगा दिया था, ताकि इस रास्ते से कोई बाइक सवार नहीं आ-जा सके, लेकिन कुछ दिनों पहले यहां दोनों साइड में लगे बैरिकेट को काटकर हटा दिया गया है, जिसके बाद कुछ बाइकर्स फिर से स्पीड में यहां से गुजरने लगे हैं। अगर यहां किसी बच्चे या लोगों के साथ कुछ घटनाएं घटती हैं तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
जब चिराग दवे ने इस बैरिकेट को हटाने के बारे में प्रशासन के अधिकारी से पड़ताल की तो प्रशासन के अधिकारी ने हाई कोर्ट का हवाला देकर एक बैरिकेट को हटाने को कहा, जिससे विकलांग व्यक्ति आसानी से आ-जा सकें, लेकिन इसका विपरीत परिणाम होने पर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। यहां के लोगों ने प्रशासन को इलेक्ट्रिक बैरिकेट लगाने का सुझाव दिया है, जो किसी विकलांग के आने-जाने पर खुल जाए। बाकी समय बंद रहे। साथ ही यहां सीसी टीवी वैâमरा भी लगाया जाए, जिससे यहां तेज आने-जाने वाले बाइकर्स की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जा सके।

 

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