राधेश्याम सिंह / वसई
वसई-विरार महानगरपालिका अंतर्गत आने वाले वसई-पूर्व के कामण, देवदल, कोल्ही, चिंचोटी, सातिवली, गावराईपाड़ा और आस-पास के क्षेत्रों में गर्मी के पहले ही पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। स्थानीय नागरिकों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वसई-विरार में अधिकांश क्षेत्र टैंकरों पर निर्भर यह व्यवस्था अनियमित और दूषित जल आपूर्ति के कारण असंतोष बढ़ता ही जा रहा है, जिससे कई परिवार पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
यह समस्या पिछले कई सालों से लंबित है, लेकिन वसई-विरार महानगरपालिका प्रशासन ने इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। कुछ क्षेत्रों में जल आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। कही कही पानी आ रहा है, वह भी पूरी तरह से मटमैला और गंदा है। गंदा पानी पीने की वजह से स्वास्थ्य पर खतरा मंडराता दिख रहा है और संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी हुई है।
वसई-विरार महानगरपालिका की निष्क्रियता के खिलाफ पूर्व नगरसेविका प्रीति दिनेश म्हात्रे ने मांग किया है कि पानी की समस्या का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने मनपा प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द जल आपूर्ति सुचारु ढंग से नहीं किया गया तो नागरिकों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।