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पीएमओ की तर्ज पर चलेगा सीएम कार्यालय! … मंत्री तो होंगे पर अधिकार नहीं

– सभी मंत्रियों के विभागों पर है सीएमओ की नजर

सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के बारे में कहा जाता है कि सभी मंत्रियों के विभागों में पीएम कार्यालय के निर्देश पर निर्णय लिए जाते हैं। मंत्री अपने विभाग का कोई भी निर्णय बिना पीएमओ की सहमति के नहीं ले सकता है। उसी तर्ज पर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार का कामकाज भी चलने के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। इसकी शुरूआत क्रमश: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुरू कर दी है।
बताया जाता है कि देवेंद्र फडणवीस ने सभी मंत्रियों के विभागों में बिना सीएम कार्यालय की सहमति के ओएसडी से लेकर किसी भी अधिकारी की नियुक्ति नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मंत्रालय में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के ‘फेस डिटेक्शन’ की कार्यवाही को इसी भाग का हिस्सा माना जा रहा है। फेस डिटेक्शन के माध्यम से सीएम कार्यालय मंत्रियों के विभागों में चल रहे कारोबार से लेकर अन्य गतिविधियों पर नजर रख सकता है। बताया जाता है कि इन सब के लिए मुख्यमंत्री ने अपने एक करीबी अधिकारी को रखा है, जो नागपुर का रहने वाला है। उसकी ही सलाह पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंत्रालय में ‘फेस डिटेक्शन’ लगाने के निर्देश दिए हैं।
पिछली बार जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे। उस समय उनके समर्थकों ने एक नारा दिया था, `केंद्र में नरेंद्र और राज्य में देवेंद्र’ यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देवेंद्र फडणवीस की तुलना थी। इस बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उक्त नारे को साकार करने में मुख्यमंत्री जुट गए हैं। यही कारण है कि बिना सहयोगी दलों की सहमति के शिंदे सरकार द्वारा शुरू की गई आनंदाचा शिधा, शिव भोजन थाली योजना, तीर्थ यात्रा सहित कई योजनाओं को बंद करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं।

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