सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से जालना जिले में खरपुडी प्रोजेक्ट की जांच के आदेश सिडको के प्रबंधकीय निदेशक को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए गए इस पैâसले से अब सभी की भौंहें तन गई हैं। इस प्रोजेक्ट को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंजूरी दी थी, लेकिन ९०० करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को लेकर अब शिंदे और भाजपा के बीच वापस शीतयुद्ध शुरू हो गया है। फडणवीस द्वारा शिंदे के निर्णय की जांच के आदेश दिए जाने के कारण राज्य के राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है।
उल्लेखनीय है कि जालना जिले के ९०० करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के पूर्व विधायक संतोष सांबरे ने जांच की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिडको के खरपुड़ी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में मुख्यमंत्री फडणवीस ने अब जांच के आदेश दिए हैं, जिससे फडणवीस और शिंदे के बीच शीतयुद्ध फिर से शुरू हो गया है। दूसरी तरफ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा है कि अगर पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार किया है, घोटाले किए हैं या राज्य की जनता को लूटा है और अगर मुख्यमंत्री फडणवीस इन सभी मामलों की जांच कराना चाहते हैं, तो हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री महाराष्ट्र की लूट रोकने की कोशिश कर रहे हैं तो हम विपक्ष में होने के बावजूद उनका समर्थन करेंगे।
नहीं चल रहा है कोई शीतयुद्ध
दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति में कोई शीतयुद्ध नहीं चल रहा है। शिंदे ने कहा कि राज्य में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा के लिए एक वॉर रूम है। यह वॉर रूम उनके गुट के मंत्रियों के विभागों की समीक्षा के लिए स्थापित किया गया है।