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शिंदे-नाईक में फिर संघर्ष तेज!..नई मुंबई मनपा में १४ गांवों को शामिल करने पर माहौल गरमाया

सामना संवाददाता / मुंबई

ठाणे जिले में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता एवं वन मंत्री गणेश नाईक के बीच चल रहा संघर्ष फिर भड़कने वाला है। इसका कारण नई मुंबई महानगरपालिका चुनाव है। स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव अगले चार महीनों में होने वाले हैं। तदनुसार, नई मुंबई मनपा में भी गतिविधियां शुरू हो गई हैं, लेकिन २०१५ में मनपा में १११ वार्ड थे, जिसमें अब १४ गांव शामिल हो गए हैं इसलिए यह लगभग तय है कि वार्ड संरचना इन गांवों को ध्यान में रखकर बनानी होगी और उसी के अनुसार आरक्षण जारी करना होगा।
जब एकनाथ शिंदे महायुति सरकार में मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इन १४ गांवों को नई मुंबई मनपा सीमा में शामिल करने का आग्रह किया था। इस संबंध में अधिसूचना भी सितंबर २०२२ में जारी की गई थी। इस निर्णय के खिलाफ उठाई गई आपत्तियों की मार्च २०२४ में सुनवाई के बाद शिंदे ने इस निर्णय को मंजूरी दी थी कि इन गांवों को मनपा सीमा में शामिल किया जाएगा, लेकिन गणेश नाईक इन १४ गांवों को शामिल किए जाने के विरोध में हैं। लोकसभा चुनाव के बाद नाईक ने सार्वजनिक रूप से शिंदे पर यह आरोप लगाकर अपना विरोध जताया था कि शिंदे गुट को लाभ पहुंचाने के लिए इन गांवों को नई मुंबई मनपा से जोड़ा गया है, क्योंकि भौगोलिक दृष्टि से ये गांव नई मुंबई मनपा से संबंधित नहीं हैं। यदि इन गांवों के नागरिक एक तरफ से नई मुंबई जाना चाहते हैं तो उन्हें ठाणे मनपा के कुछ वार्डों को पार करना पड़ता है, जबकि यदि वे दूसरी तरफ से जाना चाहते हैं तो उन्हें पनवेल मनपा की सीमाओं को पार करना पड़ता है तो फिर इन गांवों को नई मुंबई मनपा से जोड़ने पर अभी भी जोर क्यों दिया जा रहा है? नाईक ने यह प्रश्न पूछा था।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं गांव
इसके अलावा, इन गांवों का विकास भी नहीं हुआ है। यहां जलापूर्ति, जल निकासी व्यवस्था और पार्विंâग जैसी सुविधाओं का अभाव है। इन गांवों में अनधिकृत निर्माण और अनधिकृत गोदाम हैं। अनधिकृत कबाड़ी घूम रहे हैं तो नई मुंबई के करदाता इन गांवों के विकास का बोझ क्यों उठाएं? नाईक ने भी यह प्रश्न पूछा था इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मांग की है कि पहले इन गांवों का विकास किया जाए और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए। इस पत्र पर अभी तक किसी ने कोई रुख नहीं अपनाया है।

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