मुख्यपृष्ठनए समाचारविरार-अलीबाग कॉरिडोर का निर्माण अधर में लटका!

विरार-अलीबाग कॉरिडोर का निर्माण अधर में लटका!

-एमएसआरडीसी को किसी बैंक ने नहीं दिया कर्ज

-सरकार से मंजूरी के बाद बीओटी आधार पर निर्माण

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने महत्वाकांक्षी विरार-अलीबाग बहुउद्देशीय कॉरिडोर के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए ३६ प्रतिशत अधिक दर पर निविदाएं प्रस्तुत की गई थीं, लेकिन अब जल्द ही निविदा प्रक्रिया ही रद्द होने वाली है। क्योंकि वित्तीय बाधाओं के कारण, एमएसआरडीसी ने बहुउद्देशीय कॉरिडोर का निर्माण ‘बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर’ (बीओटी) आधार पर करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है और इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो निविदा रद्द कर दी जाएगी और परियोजना को नए सिरे से शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मुंबई महानगर क्षेत्र में यातायात की भीड़ की समस्या को हल करने और विरार-अलीबाग के बीच की दूरी को कम करने के लिए १२८ किलोमीटर लंबे विरार-अलीबाग बहुउद्देशीय कॉरिडोर का निर्माण होने जा रहा है। इस परियोजना के ९८.५ किलोमीटर लंबे नवघर-बालावली खंड के लिए ११ पैकेजों में निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। इस निविदा को अच्छा प्रतिसाद मिला। हालांकि, ३६ प्रतिशत अधिक दर पर निविदाएं प्रस्तुत की गर्इं। इसके कारण १९,३३४ करोड़ रुपए की परियोजना लागत सीधे २६,३०० करोड़ रुपए हो गई। दूसरी ओर इस परियोजना के लिए उधार और अन्य तरीकों से धन जुटाया जाना था। चूंकि राज्य सरकार इस परियोजना में शामिल नहीं थी इसलिए बैंकों ने इस परियोजना के लिए ऋण देने से इनकार कर दिया इसलिए परियोजना के लिए धन जुटाने का मुद्दा गंभीर हो गया। इन फंडिंग कठिनाइयों को देखते हुए एमएसआरडीसी ने आखिरकार इस परियोजना को बीओटी आधार पर बनाने का पैâसला किया है।
प्रोजेक्ट में देरी होने की संभावना
एमएसआरडीसी के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि अगर मंजूरी मिल जाती है तो कॉरिडोर के ११ पैकेजों में काम के लिए जारी किए गए टेंडर रद्द कर दिए जाएंगे। टेंडर रद्द होने के बाद कॉरिडोर के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया ‘बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर’ के आधार पर लागू की जाएगी। कुल मिलाकर मौजूदा टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दिया जाएगा और प्रोजेक्ट के लिए नई प्रक्रिया लागू की जाएगी। नतीजतन, प्रोजेक्ट में देरी होने की संभावना है।

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