फिरोज खान
उत्तर प्रदेश के बदायूं में रहनेवाला युवक दवाई दिलवाने के लिए अपनी भाभी को आचनाल ले गया था। दवा दिलवाकर जब वह लौट रहा था, तभी कुछ दबंग उन्हें घेर लेते हैं। दबंगों ने युवक की भाभी को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की तो उसने विरोध करना चाहा, लेकिन तब तक दूसरा एक व्यक्ति तमंचा निकाल लेता है और उसकी कनपटी पर लगाकर धमकाता है, ‘ज्यादा नाटक करने की कोशिश की तो भेजा उड़ा देगा। दबंग दोनों को गांव से दूर एक कुटिया में ले जाते हैं, जहां युवक के हाथ-पैर बांधकर एक कोने में बैठा दिया जाता है। दिन-दहाड़े पांच लोग बारी-बारी महिला को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। युवक की नजरों के सामने उसकी भाभी को निर्वस्त्र कर इज्जत लूटी जा रही थी। घिनौनी हरकत कर सभी लोग वहां से फरार हो जाते हैं। यह बात गांव तक पहुंचती है। युवक का भाई और अन्य गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचते हैं। महिला को निर्वस्त्र देखकर सभी हैरानी में पड़ जाते हैं। दूसरी तरफ छोटे भाई को रस्सी से बांधकर रखा गया था। पीड़ित महिला का पति फौरन पुलिस स्टेशन पहुंचता है और शिकायत दर्ज करवाना चाहता है, लेकिन वह यह जानकर दंग रह जाता है कि पुलिस गैंगरेप की शिकायत लेने से मना कर रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कि आरोपियों में गांव के प्रधान का लड़का भी शामिल था। प्रधान के दबदबे के चलते पुलिस भी एफआईआर लेने से कतरा रही थी। गांव वालों तक यह बात पहुंचती है तो सभी का गुस्सा फूट पड़ता है। दिन-दहाड़े तमंचे की नोक पर गैंगरेप करने के बावजूद पुलिस आरोपियों के खिलाफ नरमी बरत रही है, इस बात से हंगामा मच जाता है। पुलिस थाने का घेराव कर लिया जाता है। आखिरकार पुलिस दबाव में आकर एफआईआर दर्ज कर लेती है और पीड़िता का मेडिकल चेकअप करवाती है। रिपोर्ट में पुष्टि हो जाती है कि महिला के साथ गैंगरेप हुआ है। फरार चल रहे सभी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है, उनमें प्रधान का बेटा भी था। आरोपियों के खिलाफ अपहरण, रेप, धमकाना और हथियार रखने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गईं। पहचान परेड में पीड़िता और उसके देवर ने सभी आरोपियों की शिनाख्त भी कर दी। चारों आरोपी जेल की सलाखों के पीछ हैं और अपने जुर्म की सजा काट रहे हैं।