मुख्यपृष्ठनए समाचारएयर पोर्ट पर फंसे रहे डीसीएम...पायलट भी शिंदे की नहीं सुनते

एयर पोर्ट पर फंसे रहे डीसीएम…पायलट भी शिंदे की नहीं सुनते

-‘ड्यूटी खत्म हो गई’ बोल विमान उड़ाने से किया मना

-काफी मनाने के बाद जलगांव से मुंबई लाया प्लेन

सामना संवाददाता / मुंबई

भाजपा के साथ सत्ता में शामिल शिंदे गुट की अहमियत राज्य की राजनीति में कम होती जा रही है। इतना ही नहीं, डीसीएम एकनाथ शिंदे को एक तरफ जहां भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर उन पर गद्दारी का ठप्पा लगने के बाद बड़े अधिकारी को छोड़िए सामान्य कर्मचारी भी उनकी नहीं सुन रहे हैं। यही कारण है कि एक पायलट ने उप मुख्यमंत्री शिंदे का विमान उड़ाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उसका ड्यूटी टाइम खत्म हो गया है।
डिप्टी सीएम की…
एक पायलट ने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का विमान उड़ाने से मना कर दिया। उसने उड़ान भरने से इनकार कर दिया। पायलट का कहना था कि उसकी ड्यूटी खत्म हो चुकी है। इसके चलते शिंदे को अगले सफर के लिए रवाना होने में देरी हुई। अब लोगों के बीच चर्चा है कि पायलट ने डिप्टी सीएम शिंदे की गजब बेइज्जती कर दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जलगांव हवाई अड्डे पर मंत्री गिरीश महाजन और गुलाबराव पाटील ने पायलट को मनाने की पुरजोर कोशिश की। इसके बाद खुद एकनाथ शिंदे ने तीनों पायलटों से बंद दरवाजे के पीछे प्रतीक्षालय में चर्चा की। दरअसल, जलगांव दौरे के दौरान मुक्ताईनगर से जब एकनाथ शिंदे हवाई अड्डे पर पहुंचे तो पायलट ने विमान उड़ाने से इनकार कर दिया। जानकारों के अनुसार, उस विमान के पायलट की ड्यूटी का समय पूरा हो गया था। पायलट ने ड्यूटी पूरी होने के बाद उड़ान भरने से साफ इनकार कर दिया, जिसके चलते शिंदे को कई घंटों तक वहां रुकना पड़ा। पायलट के इनकार के बाद मंत्री गिरीश महाजन, मंत्री गुलाबराव पाटील, जिलाधिकारी और विमान प्राधिकरण के अधिकारी पायलट को मनाने में लग गए। करीब घंटे भर बातचीत और प्रतीक्षा के बाद एकनाथ शिंदे के विमान का पायलट उड़ान भरने के लिए तैयार हुआ।
विमान कंपनी से चर्चा
मीडिया से बातचीत में गिरीश महाजन ने बताया कि पायलट की तबीयत और तकनीकी कारणों से उड़ान में देरी हुई। हालांकि, विमान कंपनी से चर्चा कर इसका समाधान निकाला गया।
क्या कहता है नियम?
नियमों के अनुसार, निर्धारित ड्यूटी समय खत्म होने के बाद पायलट को फिर से उड़ान भरने के लिए अनुमति लेनी होती है, जिसमें कुछ समय लग जाता है। इसी कारण पायलट ने तब तक विमान उड़ाने से साफ इनकार कर दिया और वहां मौजूद सभी अधिकारियों व नेताओं को कुछ देर इंतजार करना पड़ा।

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