मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
विधानसभा के मानसून सत्र में आज तीसरे दिन नजूल भूमि कानून पेश हुआ। इस कानून के पेश होने पर समाजवादी पार्टी के अलावा, कांग्रेस पार्टी की आराधना मिश्रा मोना, जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप सिंह “राजा भैया” के साथ-साथ भाजपा के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई और पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसमें संशोधन की मांग रखी। सभी ने कहा कि यह कानून लाने से लाखों लोग बेघर हो सकते हैं। प्रयागराज से भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि नजूल की जो जमीन है यह आजादी के पहले से लोगों के पास है। आज आजादी मिले 75 साल हुए पर लोग 100-100 सालों से एक जमीनों पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को आवास दे रहे हैं और एक तरफ हम लोगों से इस कानून के माध्यम से क्या जमीन छीनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि नजूल की भूमि पर पहले से रह रहे हैं, उसको फ्री होल्ड किया जाए।
अपना तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज में उनके साथी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के घरों के आस-पास 100 मीटर के दायरे में कई ऐसे छोटे-छोटे मकान हैं, जहां लोग नजूल की जमीनों पर रहते हैं। अधिकारियों ने सरकार को गलत फीडबैक दिया है। विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी सरकार को इस विषय में सलाह देते हुए संशोधन की मांग रखी। जनसत्ता दल के राजा भैया ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि यह कौन सा विकास हो रहा है। “क्या लाखों लोगों को सड़क पर लाने की कोशिश है ये”।उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने सरकार को गलत फीडिंग की है। यह समझ से परे है। राजा भैया ने कहा कि अगर अंग्रेज जमीनों को फ्री होल्ड कर सकते हैं, सरकार तो जनता के हित के लिए है। सरकार क्यों नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि फ्री होल्ड करने की किस्त लेने के बाद भी उसे रोका गया है, यह गलत फैसला है। राजा भैया ने कहा कि इस प्रस्ताव को पहले प्रवर समिति को भेजा जाए। कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा मोना ने भी इस प्रकरण में सरकार को घेरा और इसमें कुछ संशोधन करने की बात कही।