मुख्यपृष्ठनए समाचारराज्यपाल रहते हुए मोदी से टकराने वाली डॉ. कमला बेनीवाल का निधन

राज्यपाल रहते हुए मोदी से टकराने वाली डॉ. कमला बेनीवाल का निधन

रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर

पूर्व राज्यपाल और राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री रहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कमला बेनीवाल (97) का निधन हो गया। बुधवार दोपहर बाद उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली। जयपुर आवास पर आज खाना खाने के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें फोर्टिस अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। अंतिम संस्कार कल जयपुर में होगा। कमला बेनीवाल के एक बेटा और चार बेटियां हैं। उनके बेटे आलोक बेनीवाल शाहपुरा से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं।
कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 को झुंझुनू जिले के गोरीर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। महज 11 साल की उम्र में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। पढ़ाई-लिखाई में उनकी बचपन से ही रुचि थी। उन्होंने वनस्थली विद्यापीठ और जयपुर की महारानी कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की थी।
वे कांग्रेस से जुड़ीं और 1954 में महज 27 साल की उम्र में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली महिला मंत्री बनीं। पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली। उस वक्त राजनीति में महिलाओं की संख्या न के बराबर हुआ करती थी। 1954 में राजस्थान की पहली महिला मंत्री बनीं। कमला बेनीवाल आजादी से लेकर 2014 तक राजनीति में सक्रिय रहीं। वे सात बार विधायक, राजस्थान सरकार में मंत्री, उप मुख्यमंत्री और गुजरात, त्रिपुरा और मिजोरम की राज्यपाल रहीं। वो कांग्रेस पार्टी में भी कई पदों पर भी रहीं।
कमला बेनीवाल को 27 नवंबर 2009 को मनमोहन सिंह सरकार के समय गुजरात का राज्यपाल बनाया गया। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। कमला बेनीवाल का राज्यपाल रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात सरकार से कई मुद्दों पर टकराव हुआ था। उस वक्त यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा। 2011 में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल और गुजरात सरकार के बीच खूब विवाद हुआ। कमला बेनीवाल ने राज्यपाल रहते राज्य सरकार की राय लिए बिना आरए मेहता को लोकायुक्त नियुक्त कर दिया। इस मुद्दे पर विवाद हुआ। बाद में गुजरात विधानसभा में लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर बिल पास हुआ। लोकायुकत बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। कमला बेनीपाल ने राज्यपाल के तौर पर लोकायुक्त बिल में कई गलतियां बताते हुए उसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। गुजरात राज्यपाल रहते हुए और भी कई मुद्दों पर विवाद हुआ था।
कमला बेनीवाल के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई राजनेताओं ने संवेदना जताई है। डॉ. कमला के बेटे आलोक बेनीवाल शाहपुरा से विधायक रहे हैं। उन्होंने इस बार भी शाहपुरा से विधानसभा का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था, मगर हार गए थे।

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