सुनील ओसवाल / मुंबई
सरकार के सामाजिक एवं जनजातीय विभाग के कोष से मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के लाभार्थियों को अप्रैल माह की किस्त वितरित कर दी गई है। इससे संबंधित विभाग के मंत्री परेशान हैं और अब राज्य सरकार केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद वित्तीय वर्ष २०२५-२६ में १ लाख ३२ हजार करोड़ रुपए कर्ज लेगी। वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस राशि में से लगभग ३,००० करोड़ रुपए हर महीने ‘लाडली बहन योजना’ में इस्तेमाल किए जाएंगे।
राज्य सरकार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का तीन प्रतिशत तक उधार ले सकती है। राज्य सरकार को किस उद्देश्य के लिए ऋण की आवश्यकता है, इस पर विचार करने के बाद ऋण प्रस्ताव केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग को भेज दिया है।
सरकारी बजट में दर्ज है कि कोरोना के बाद राज्य सरकार ने ४ लाख १३ हजार १५६ करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। २०१५-१६ से २०२५-२६ तक के दस वर्षों में सरकार का कर्ज बढ़कर ६ लाख करोड़ रुपए हो गया है। बजट की ‘पिंक बुक’ में यह भी दर्ज है कि सरकार को इसके लिए हर महीने ६१,००० करोड़ रुपए तक का ब्याज देना पड़ रहा है।
जून से दिसंबर तक राज्य में हजारों ग्राम पंचायत चुनाव होंगे। इसके अलावा दिवाली के दौरान अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव होने की भी संभावना है। इस पृष्ठभूमि में यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती जाएगी कि लाडली बहनें परेशान न हों। इसके लिए ऋण राशि का उपयोग उनकी किश्त के लिए किया जाएगा तथा लाभ राशि हर माह की २५ तारीख से पहले उनके खाते में जमा कर दी जाएगी।