राधेश्याम सिंह / वसई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वसई-विरार क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण के मामले में केस दर्ज किया है। इस मामले में वसई-विरार महानगरपालिका सीमा के अंतर्गत 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इन 41 बिल्डिंग मामले में 2,500 परिवार बेघर हो गए। यह मामला 2009 से चल रहा है और ईडी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मुंबई ईडी वसई-विरार में अवैध निर्माण मामले में जांच कर रही है। वसई-विरार इलाके में अवैध आवासीय और व्यावसायिक इमारतों के निर्माण के मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मीरा-भायंदर पुलिस आयुक्तालय द्वारा दर्ज विभिन्न मामलों के आधार पर इस मामले में पाया गया है कि करीब 60 एकड़ क्षेत्र में 41 आवासीय और व्यावसायिक इमारतों का अवैध रूप से निर्माण किया गया था। वास्तव में, उस स्थान पर एक सीवेज उपचार संयंत्र और एक कचरा डंपिंग डिपो आरक्षित था। लेकिन आरोपियों ने षडयंत्र रचकर इस स्थान पर अनाधिकृत निर्माण कार्य कर लिया। इसके लिए आरोपी बिल्डरों और स्थानीय दलालों ने फर्जी मंजूरी दस्तावेज तैयार किए थे। इसके जरिए आम नागरिकों का विश्वास जीतकर उन्हें बड़ी संख्या में फ्लैट बेचे गए। अधिकारी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कई गरीब और निर्दोष नागरिकों के साथ धोखाधड़ी हुई। ईडी की जांच के अनुसार, यह पाया गया है कि नालासोपारा में 2009 से बड़ी संख्या में अनधिकृत निर्माण कार्य चल रहा है। इसके तहत ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इन 41 अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया है। वसई-विरार महानगरपालिका ने उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई की थी। इस कठोर कार्रवाई से लगभग 2,500 परिवार बेघर हो गए हैं। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल वसई-विरार महानगर पालिका अंतर्गत 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।वही (ईडी) के द्वारा चलाई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी की गाज, बविआ के पूर्व नगर सेवक, कुछ भवन निर्माता व कुछ मनपा के अधिकारियों पर गिरी है। जिसमे बविआ के पूर्व नगर सेवक सीताराम गुप्ता, भवन निर्माता अनिल गुप्ता,राय साहब जैसवाल, लालजी पटेल, विवेक तिवारी, वसई-विरार मनपा अधिकारी रेड्डी आदि का नाम सामने आया है। चल रहे तलाशी अभियान के दौरान ED द्वारा आर्थिक गैर व्यवहार, मनिलॉन्ड्रिंग, संपत्ति की जाँच, बैंक खातों से संबंधित दस्तावेजों और लेनदेन की जांच की जा रही है। वही इस मामले में नालासोपारा अम्बावाड़ी के विवेक तिवारी ने बताया की ED द्वारा उनसे 6 से 7 घंटों तक कड़ी पूछताछ की गई। वही यही प्रक्रिया बविआ के पूर्व नगरसेवक सीताराम गुप्ता, अनिल गुप्ता, राय साहब जैसवाल व बाकी लोगो से की जा रही है। ईडी ने इस मामले में और सबूत जुटाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित कर जालसाजों के बारे में जानकारी एकत्र करने का कार्य चल रहा है। कुछ मामलों में संपत्ति पर जबरन कब्ज़ा करने की भी शिकायतें हैं। ईडी भी उनकी जांच करेगी। नवंबर 2024 में महानगरपालिका ने नालासोपारा क्षेत्र में 41 अनधिकृत संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया। प्रारंभिक जांच के दौरान निवासियों को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि इमारत अनधिकृत थी। तोड़क कार्रवाई से 2,500 परिवार सड़कों पर आ गये। ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है।