मुख्यपृष्ठसंपादकीयसंपादकीय : भारत की सेना; देश की रीढ़!.. पाकिस्तान नहीं बचेगा!

संपादकीय : भारत की सेना; देश की रीढ़!.. पाकिस्तान नहीं बचेगा!

भारत ने पाकिस्तान पर चौतरफा हमला किया है। इसमें पाकिस्तान तबाह हो गया है और उसकी सरकार बिल में छिप गई है। जब युद्ध छिड़ने वाला था, तब ‘सेनापति’ यानी सेना प्रमुख को ही बदलने की नौबत पाकिस्तान पर आ गई। सेना प्रमुख जनरल मुनीर को बर्खास्त करके गिरफ्तार कर लिया गया है और ऐसी खबरें आई हैं कि उनकी जगह पाकिस्तान ने नए सेना प्रमुख को नियुक्त किया है। यह पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति है। भारत के खिलाफ जहर उगलने और पहलगाम हमले में आतंकवादियों का समर्थन करने में जनरल मुनीर सबसे आगे था और पाकिस्तानी लोगों और सेना को लगता है कि मुनीर की वजह से ही पाकिस्तान पर युद्ध का संकट आया है। खुद पाकिस्तानी सेना के अंदर ही मुनीर के खिलाफ विद्रोह हो गया है। पाकिस्तानी सेना के कमांडरों का कहना है कि भारत के साथ ‘पंगा’ लेना अलग बात है और युद्ध छेड़ना अलग। पाकिस्तानी सेना की बिना किसी तैयारी के ही भारत ने उन्हें युद्धभूमि में घसीटा। पाकिस्तानी सेना युद्ध के लिए तैयार नहीं है। भारत में घुसने की कोशिश करना ‘सीधे’ कब्र में घुसने जैसा है, यह पाकिस्तानी सेना ने पहले ही मान लिया है। ऐसे हारे हुए मन वाली सेना का युद्धभूमि में बच पाना मुश्किल है। बलूचिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी सेना के कोर कमांडर भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इस वजह से पाकिस्तान पंगु हो गया है। इसका परिणाम यह हुआ कि ४८ घंटे के भीतर पाकिस्तान की कमर टूट गई। उसके सारे सुरक्षा कवच नष्ट हो गए। भारत ने पाकिस्तान द्वारा भारत पर दागे गए ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की सारी धमकियां और बड़ी-बड़ी बातें नाकाम साबित हुई हैं। पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय ड्रोन हमले का सामना नहीं कर सका। इन सबके बीच चीन की
पोल खुल गई
है। पाकिस्तान ने चीन से ‘एचक्यू-९’ एयर डिफेंस सिस्टम हासिल किया था। भारतीय हमले में यह सब नष्ट हो गया। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए ‘एफ-१७’ जैसे लड़ाकू विमानों को भारत द्वारा मार गिराने के बाद अब पाकिस्तान की समग्र सैन्य ताकत सवालों के घेरे में आ गई है। पाकिस्तान की इस तबाही को देखकर दुनिया के मुस्लिम देशों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तानियों को उम्मीद थी कि सभी इस्लामी देश उनके साथ खड़े होंगे। पाकिस्तान के प्रतिनिधि इस्लामी देशों के दरवाजे खटखटाते रहे, लेकिन कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं हुआ। ५७ इस्लामिक देशों के संगठन ‘ओआईसी’ ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई, लेकिन पाकिस्तान को समर्थन या मदद का हाथ बढ़ाने को लेकर कोई भी पैâसला नहीं लिया। सऊदी अरब, कतर और कुवैत जैसे देश भी मौन हैं। इराक-सीरिया जैसे देश अपने ही देशों में चल रहे गृहयुद्ध से बेजार हैं। अफगानिस्तान को पाकिस्तानियों से कोई लेना-देना नहीं है। तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान जैसे देश भारत-पाकिस्तान के पचड़े में नहीं पड़ना चाहते। भले ही आज तुर्कस्तान का झुकाव पाकिस्तानियों की तरफ हो और वह पाकिस्तानियों को कितने भी ‘ड्रोन’ मुहैया करा दे, तब भी वो भारतीय सेना का सामना नहीं कर पाएंगे। मूलत: अभी तक ऐसा नहीं लगा कि वास्तविक युद्ध शुरू हुआ है। क्योंकि पाकिस्तानी सेना अभी तक जागी नहीं है। भारत की यह रणनीति ‘war of attrition’ अर्थात युद्ध में शत्रु को थकाकर मारने जैसी दिखाई देती है। पाकिस्तान की सेना पहले से ही थक चुकी है। यदि भारत युद्ध को आगे बढ़ाता है तो वह मैदान छोड़कर भाग जाएगी। चीन खुलकर पाकिस्तान की मदद करेगा, ऐसी संभावना अब नहीं दिखती। इसलिए युद्ध की धमकियां पाकिस्तान को भारी पड़ रही हैं। ऐसी स्थिति में
विश्व शांति खतरे में
न आ जाए इस महान लक्ष्य से प्रेरित होकर किसी बड़े देश को मध्यस्थ बनाकर एकतरफा युद्धविराम की घोषणा करे, यही विकल्प पाकिस्तान के पास बचा है। ऐसे समय में भारत पाकिस्तान से क्या हासिल कर सकता है? मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, टाइगर मेमन समेत भारत द्वारा वांछित और पाकिस्तान में पनाह पाए सभी आतंकवादियों को जब तक भारत को नहीं सौंप दिया जाता, तब तक वह युद्ध बंद नहीं करेगा, यह रुख अपनाकर पाकिस्तान की आतंक की फैक्ट्री को हमेशा के लिए नष्ट कर देना चाहिए। इंदिरा गांधी ने १९७१ के युद्ध में पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश नाम का एक नया राष्ट्र बनाया था। इसी तरह अब बलूचिस्तान नामक एक नया राष्ट्र बनाकर पाकिस्तान को कमजोर करने का यह मौका है। पाकिस्तान भारत पर हमला करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसमें दम नहीं है। पाकिस्तानी हुक्मरान कहते हैं कि पाकिस्तान इस्लाम के लिए लड़ रहा है। सेना को यह बताने के बाद भी कि अल्लाह तुम्हारे साथ है इसलिए तुम्हारी जीत निश्चित है, पाकिस्तानी सेना में ऊर्जा पैदा नहीं होती। इसलिए भारत के साथ यह धर्मयुद्ध है, पाकिस्तान की इस योजना को अन्य इस्लामी देश स्वीकारने को तैयार नहीं हैं और पाकिस्तानी सेना भी इसके लिए लड़ने को तैयार नहीं है। धर्म के लिए मरना चाहिए, ऐसा कहना वहशीपना है। भारतीय सैनिक देश के लिए लड़ रहे हैं। देश ही सर्वोच्च, यही उनकी भावना है। पहले देश, फिर ईश्वर और धर्म यह उनका क्रम है। अगर देश बचेगा तो ईश्वर और धर्म की रक्षा होगी। भारतीय सेना का आदर्श वाक्य है ‘सर्वोपरि सेवा’। इसका स्पष्ट अर्थ है कि सैनिक खुद से पहले राष्ट्र की सेवा करते हैं। भारतीय सेना ही भारत की रीढ़ है। जिसके भरोसे भारत गर्दन तानकर दुनिया के सामने खड़ा है। शासक, सरकारें, नेता आते हैं और जाते हैं!

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