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संपादकीय : ट्रंप ने मारी पेट पर लात!

कम से कम विदेश मंत्री जयशंकर को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध वास्तव में क्या हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप के कहने पर मोदी ने पाकिस्तान के साथ युद्ध रुकवा दिया और हाथ में आ चुके पाक अधिकृत कश्मीर में पानी छोड़ दिया गया। प्रेसिडेंट ट्रंप ने कहा, यदि आप अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं तो पाकिस्तान के साथ युद्ध रोक दो और आपने इसे स्वीकार कर लिया। फिर भी ट्रंप ने व्यापार के मुद्दे पर भारत से किया अपना वादा तोड़ दिया है। अमेरिकी उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं। ट्रंप ने उन्हें वापस खींच लिया है। ट्रंप ने उद्योगपतियों से कहा कि भारत में निवेश करने की कोई जरूरत नहीं है। यह भारत पर आर्थिक बम हमला है। ट्रंप ने एप्पल के सीईओ को कहा कि एप्पल को भारत में अपने स्मार्टफोन का निर्माण बंद कर देना चाहिए और अमेरिका में शुरू करना चाहिए। ट्रंप ने ये सुझाव खाड़ी देशों के दौरे के दौरान दिए। ट्रंप का यह व्यवहार अच्छा नहीं है। मोदी उनके ‘खास’ मित्र हैं। मोदी ने ट्रंप को चुनाव जीतने में मदद करने के लिए अमदाबाद और अमेरिका में भव्य अभियान रैलियां कीं (हालांकि तब ट्रंप हार गए) और अब, ट्रंप की बात सुनकर मोदी ने पाकिस्तान के साथ युद्धविराम कर दिया है। ट्रंप की बदौलत दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध टल गया और शांति हिलोरें मार रही है, अत: प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। इन सबके बावजूद ट्रंप द्वारा भारत में विदेशी निवेश को रोकना ठीक नहीं है। एप्पल भारत में सबसे अधिक
रोजगार पैदा करनेवाली
कंपनी है। एप्पल के चलते देशभर में दो लाख लोगों को रोजगार मिला है। भारत और अमेरिका के बीच ५५० अरब डॉलर का व्यापार है। अमेरिका भारत का नंबर एक व्यापारिक साझेदार है। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता लगभग २५० अरब डॉलर का है, जबकि चीन के साथ व्यापार १२० अरब डॉलर का है। यदि हम इसे ध्यान में रखें तो यह समझना आसान हो जाएगा कि व्यापार बंद करने की धमकी के कारण युद्धविराम स्वीकार किया गया। आयात-निर्यात अलग है और एप्पल जैसी कंपनियों का भारत आकर अपना उत्पाद बनाना अलग है। एप्पल जैसी बड़ी कंपनियां भारत में अपने उत्पाद बना रही हैं और प्रेसिडेंट ट्रंप की इच्छा है कि एप्पल भारत से अपना बोरिया बिस्तर समेटकर अमेरिका आ जाए। एप्पल भारत में आईफोन बनाती है। विश्व के कुल आईफोन उत्पादन में भारत का योगदान १५ प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष में एप्पल का भारत में कारोबार १.५ लाख करोड़ रुपए का था। ऐसी अधिकाधिक कंपनियों को भारत आना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार हर साल अमेरिका का दौरा करती है और वहां निवेश आकर्षित करने के लिए मेले आयोजित करती है और अमेरिका महाराष्ट्र में कितना निवेश कर रहा है, इसके बड़े-बड़े आंकड़े जाहिर करती है। हकीकत में महाराष्ट्र को कुछ नहीं मिलता और बड़े-बड़े आंकड़े कागजों पर ही रह जाते हैं। ‘एप्पल’ के मामले में ऐसा नहीं है। ‘एप्पल’ भारत की जनसंख्या और बाजार से आकर्षित हुआ। भारत की १४० करोड़ की आबादी सबसे बड़ा वैश्विक बाजार है। कंपनियां इस जनसंख्या का व्यावसायिक लाभ उठाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। अगर प्रेसिडेंट ट्रंप ने उद्योग और व्यापार के मामले में
भारत को आर्थिक संकट में
डालने का मन बना लिया है तो भारत उनसे कैसे सामना कर सकता है? ट्रंप की भाषा आपत्तिजनक है। भारत में विनिर्माण की कोई आवश्यकता नहीं। वे अपना खुद देख लेंगे। उन्हें अपना हित संबंध संभालने दें। ट्रंप का खुलकर बोलना इस बात का संकेत है कि उनके मन में भारत के प्रति अच्छी भावनाएं नहीं हैं। ट्रंप और मोदी के बीच क्या बिगड़ा है कि वे भारत के साथ ऐसी अदावत कर रहे हैं? दूसरी बार राष्ट्रपति बने ट्रंप ने सैकड़ों भारतीयों को घुसपैठिया करार दिया, उन्हें बेड़ियों में जकड़ दिया और सैन्य विमान से भारत भेज दिया। उन्होंने अन्य देशों से आए घुसपैठियों के प्रति ऐसी अमानवीयता नहीं दिखाई। उन्होंने भारतीय घुसपैठियों को वापस भेजने के बाद अभियान रोका। यानी उनका इरादा भारतीयों को अमेरिका से बाहर निकालना था और भारत ने इन घटनाक्रमों पर साधारण विरोध भी नहीं जताया। लोगों को लगता है कि भाजपा मंडली प्रेसिडेंट ट्रंप से डरती है। जैसे ही भाजपा सांसद कंगना रनौत ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर ट्रंप पर अपनी राय व्यक्त की, पूरी भाजपा पसीने से तर-बतर हो गई और राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.नड्डा ने सांसद रनौत से उस ‘पोस्ट’ को डिलीट करवा दिया। भाजपा और उसके नेताओं को प्रेसिडेंट ट्रंप से इतना डर ​​क्यों होना चाहिए? ट्रंप के पास भाजपा नेताओं और हुक्मरानों के बारे में कौन से रहस्य हैं, जिनके कारण हमने ट्रंप के प्रति उदासीन रुख अपनाया है? क्या प्रेसिडेंट ट्रंप द्वारा एप्पल जैसी कंपनियों को भारत से बाहर निकालना हमारे पेट पर लात मारने जैसा नहीं है? ट्रंप भारत से नाराज क्यों हैं? जरा समझाएं!

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