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ईडी सरकार का चुनावी पैंतरा … अब करेगी एंबुलेंस पर राजनीति! …मंगाई जाएंगी १०८ नई एंबुलेंस

जनता का सवाल, पुरानी एंबुलेंस का मेंटेनेंस क्यों नहीं?
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
हिंदुस्थान में लोकसभा चुनाव का बिगुल किसी भी समय बज सकता है। ऐसे में हर दल ने अपने स्तर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि, बीते ढाई सालों में जिस तरह से ‘ईडी’ सरकार काम कर रही है, उसे देखते हुए जनता का विश्वास चकनाचूर हो गया है। इस सच्चाई से भलीभांति वाकिफ ‘ईडी’ सरकार एक और पैंतरा चलते हुए शहरी के साथ ही ग्रामीण जनता का झुकाव अपनी तरफ करने की कोशिश कर रही है। इसके तहत बीते कुछ दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर देने लगी है। इसी क्रम में सरकार १०८ क्रमांक की एंबुलेंस की संख्या को दोगुनी करने जा रही है। इसके साथ ही नवजातों के लिए भी विशेष एंबुलेंस शुरू करने जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते १० वर्षों से १०८ क्रमांक एंबुलेंस को शुरू किया गया है। महाराष्ट्र में इस सेवा का लाभ करोड़ों लोग ले चुके हैं। कई नवजात शिशुओं का जन्म भी एंबुलेंस में हुआ है। इसलिए १०८ एंबुलेंस सेवा प्रदेश वासियों के लिए वरदान बन गई है। लेकिन जब से ईडी सरकार प्रदेश की सत्ता में आई है, तभी से यह सेवा खस्ताहाल है। आलम यह है कि अब तक इस पर न तो स्वास्थ्य तंत्र और न ही ‘घाती’ सरकार ने दिया है। इस कारण पालघर, गढ़चिरौली, नंदूरबार समेत प्रदेश के दूर-दराज में रहनेवाले आदिवासी और ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पालघर समेत कई जिलों में एंबुलेंस के अभाव में कई मां व शिशुओं की मौत हो चुकी है। लेकिन अब तक सोती रही राज्य सरकार जैसे ही लोकसभा चुनाव सिर पर आ गया है, वैसे ही जाग गई है। हाल ही में शव वाहन की खरीदी पर मुहर लगाने के बाद अब १०८ क्रमांक की संख्या दोगुनी करने जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जैसे-जैसे एंबुलेंस की संख्या बढ़ेगी, १०८ पर कॉल करने के बाद एंबुलेंस बिना देर किए मौके पर पहुंचेगी। इसके अलावा सरकार नवजातों के लिए भी विशेष एंबुलेंस शुरू करने जा रही है। इसके तहत २५ एंबुलेंस खरीदे जाएंगे। इतना ही नहीं, समुद्र और नदियों में डूबने से होनेवाली मौंतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ३६ नए वोट एंबुलेंस खरीदे जाएंगे, जो विभिन्न समुद्री और नदियों के किनारे तैनात किए जाएंगे। इनके लिए निकाले गए नए टेंडर के मुताबिक पूंजीगत व्यय का ५१ फीसदी हिस्सा सेवा प्रदाता को वहन करना होगा।
सरकार के कंधे पर आएगा ६३ करोड़ रुपए का खर्च
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, १०८ एंबुलेंस सेवा पर मौजूदा समय में सरकार को प्रति महीने ३३ करोड़ रुपए खर्च करने पड़ रहा था। हालांकि, एंबुलेंस की बढ़ती संख्या के कारण अब यह खर्च ६३ करोड़ रुपए प्रति महीने हो जाएगा।
ये होंगी सुविधाएं
१०८ एंबुलेंस सेवा में एडवांस लाइफ सपोर्ट, बेसिक लाइफ सपोर्ट और बाइक एंबुलेंस के रूप में प्रदान की जाती है। इस सेवा में नवजात शिशुओं के लिए विशेष एंबुलेंस और बोट एंबुलेंस को शामिल किया गया है। वर्तमान में १०८ सेवा के माध्यम से ९३७ एंबुलेंस राज्य के विभिन्न हिस्सों में संचालित हैं, जो निकट समय में बढ़कर १७५६ हो जाएंगी।

३५२ शववाहिनियां भी खरीदी जाएंगी!
महाराष्ट्र की जनता को रिझाने के लिए ईडी सरकार कई तरह के हथकंडे अपना रही है। इसी के तहत हर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में ३५२ शव वाहन खरीदने की तैयारी कर रही है। यह वैन हर तहसील में उपलब्ध कराया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में किसी की मौत होने के बाद उनके शवों को ले जाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। आलम यह है कि ग्रामीण इलाकों में आज भी अगर किसी व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो जाती है तो शव को प्राइवेट जीप या बैलगाड़ी में ले जाना पड़ता है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों में शव वाहन की ज्यादा व्यवस्था न होना है। राज्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बताया गया है कि इसके तहत प्रदेश में ३५२ शव वाहन खरीदे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसके लिए आगामी बजट २०२४-२५ में प्रति शव वाहन खरीदी पर ३५ लाख रुपए की निधि का प्रावधान किया गया है। इस तरह ३५२ वैन के लिए १३२.२० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि इससे शवों को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाने की समस्या हल हो सकेगी।

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