उमेश गुप्ता / वाराणसी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले आज भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक बनारस के बिजलीकर्मियों ने बिजली के निजीकरण के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कल से जनजागरण सभा बनारस के अलग-अलग क्षेत्रो में किया जाएगा, जिसके तारतम्य में कल 33/11के0वी0 विधुत उपकेंद्र पन्नालाल पार्क पर जनजागरण सभा किया जाएगा। कल भिखारीपुर में कोई सभा नहीं की जाएगी।
वक्ताओं ने बताया कि बनारस के संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि अब कल से बनारस के अलग-अलग क्षेत्रो में जनजागरण सभा किया जाएगा, जिसके तारतम्य में कल जनजागरण के द्वितीय चरण में पन्नालाल पार्क विधुत उपकेंद्र पर शाम 3 बजे से जनजागरण सभा किया जाएगा, जिसमें उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं व्यापार संगठन के पदाधिकारियों एवं अन्य को सम्मिलित किया जाएगा।
वक्ताओं ने बताया कि वर्तमान में चर्चा का विषय है कि बिजली के फाल्ट समय से दूर नहीं हो रहे हैं और जनता को परेशानी हो रही, लेकिन इसका मुख्य कारण हमारे पूर्वांचल के पूर्व निदेशक कार्मिक थे, जिन्होंने पूरे पूर्वांचल के सभी वितरण खंडों में संविदाकर्मियों की संख्या को कम कर दिया था, जिसके कारण फील्ड के अधिकारी राजस्व वसूली को प्राथमिकता देते हुए राजस्व वसूली में कर्मचारियों को लगा दिए हैं, किंतु स्थिति ये है कि 10 हजार उपभोक्ताओं को प्रत्येक शिफ्ट में 6-9 संविदाकर्मियों द्वारा राजस्व वसूली के साथ लाइन अनुरक्षण का कार्य संपादित किया जा रहा है, जिससे बनारस के जनप्रतिनिधि व प्रधानमंत्री के क्षेत्र में ही वर्तमान में पूर्व के साल से लगभग 400-500 संविदाकर्मियों को निकाल दिया गया है, जिसके कारण बिजली के मरम्मत होने में काफी समय लग जा रहा है।
वक्ताओं ने बताया कि प्रबंध निदेशक पूर्वांचल को संघर्ष समिति पूर्वांचल कमेटी द्वारा पत्र के माध्यम से 5 सूत्रीय मांग पत्र लगभग 2 महीने से दिया गया है, किंतु उनके द्वारा समस्याओं का समाधान तो दूर की बात, बल्कि संघर्ष समिति से द्विपक्षीय वार्ता हेतु भी आज तक पत्र नहीं जारी किया गया। जिसके कारण कर्मचारियों में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है और एक दिन बड़े आंदोलन होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।
वक्ताओं ने बताया कि आज नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की बैठक में निजीकरण के विरोध में 194 दिन से लगातार उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन की सराहना की गयी और पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों, संविदाकर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं के दमन की निंदा की। यह भी चेतावनी दी गई कि यदि बिजलीकर्मियों का दमन न रुका तो देश के तमाम 27 लाख बिजलीकर्मी मूक दर्शक नहीं रहेंगे और लोकतांत्रिक ढंग से इसके विरोध में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी, साथ ही कोऑर्डिनेशन कमिटी ने यह भी निर्णय लिया कि उत्तर प्रदेश में चल रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में आगामी 02 जुलाई को पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
कोऑर्डिनेशन कमेटी ने यह भी निर्णय लिया कि पूरे देश में खासकर उप्र में चल रही बिजली की निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में आगामी 09 जुलाई को देशभर के तमाम बिजलीकर्मी निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। सभा की अध्यक्षता ई. नरेंद्र वर्मा ने एवं संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. के.के. ओझा, ई. प्रीति यादव, ई. रुचि कुमारी, अलका कुमारी, प्रमोद कुमार, अंकुर पाण्डेय, संदीप कुमार, रंजीत पटेल, विजय नारायण हिटलर, सुनील कुमार, मनोज यादव, हेमंत श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया।