मुख्यपृष्ठनए समाचारदृष्टिहीन भी बन सकेंगे जज! ... सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

दृष्टिहीन भी बन सकेंगे जज! … सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

भारत की सर्वोच्च अदालत यानी कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दृष्टिहीन लोग भी जज बन सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि दृष्टिहीन लोगों को भी न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति का अधिकार है। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि दिव्यांगता के आधार पर न्यायिक सेवाओं से किसी को बाहर नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने पैâसले में मध्य प्रदेश सरकार के नियम को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य पैâसले में छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को अंतरिम जमानत दी है। ये अंतरिम जमानत एंटी करप्शन ब्रांच की ओर से दाखिल मुकदमे में दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए कोर्ट याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझता है।
जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी (जनता द्वारा सूचना तक पहुंच को अवरुद्ध करने की प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) नियम, २००९ के कुछ नियमों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर की याचिका में कहा गया है कि `एक्स’ जैसे प्लेटफॉर्म से जानकारी हटाने से पहले इसके प्रवर्तक को नोटिस दिया जाना चाहिए।

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