सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार रामभरोसे चल रही है। हर कोई अपनी मनमाने तरीके से काम कर रहा है। अधिकारियों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। मंत्री की बात अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। ऐसा गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी ही सरकार पर शिंदे गुट के नेता ने जोरदार हमला बोला है। शिंदे गुट के नेता और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने मंत्री गणेश नाईक के वन विभाग पर यह गंभीर आरोप लगाया है।
दीपक केसरकर ने कहा कि वन क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को लेकर वन मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद भी यदि अधिकारी नहीं सुन रहे हैं तो यह विषय जल्द ही वन मंत्री के निर्देशानुसार प्रस्तुत किया जाएगा। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। क्षेत्र में हाथी हटाओ अभियान केवल अधिकारियों की वजह से अटका हुआ है। पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर सावंतवाड़ी में आयोजित एक पत्रकार परिषद में बोल रहे थे। केसरकर ने कहा कि दोडामार्ग और मांगेली में जो घटनाएं हुईं, वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जनहानि रोकने के लिए विभाग को सतर्कता बरतनी चाहिए। इस गड़बड़ी की जांच की जाएगी, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया।
बता दें कि राज्य में भाजपा और शिंदे गुट में इन दिनों ठनी हुई है। एक तरफ जहां भाजपा अपने सहयोगी शिंदे गुट के मंत्रियों के निर्णय पर अंकुश लगा रही है, वहीं शिंदे गुट भी भाजपा पर हमलावर हो गया है। भले ही वह महायुति में भाजपा के साथ सरकार में है, लेकिन भाजपा के दबाव नीति के खिलाफ शिंदे गुट समय-समय पर कड़े तेवर अपना रहा है। यहां भी भाजपा के मंत्री गणेश नाईक के विभाग पर शिंदे गुट के पूर्व मंत्री ने हमला बोला है।