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‘मॉक पोल’ में खुली ईवीएम की पोल! …केरल में ४ मशीन और वीवीपैट में भाजपा को मिले एक्स्ट्रा वोट

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा मामले की जांच करो
आयोग के वकील ने केरल की पत्रिका में छपी रिपोर्ट को झूठ बताया

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केरल में हुए एक ‘मॉक पोल’ की गूंज कल सुप्रीम कोर्ट में भी सुनाई दी। एडीआर के वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि वहां ‘मॉक पोल’ के दौरान ४ ईवीएम मशीन और वीवीपैट में भाजपा को एक्स्ट्रा वोट मिले हैं। इस बात की रिपोर्ट केरल की एक प्रतिष्ठित पत्रिका में छपी है। इसके बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मामले की जांच करने को कहा। तब चुनाव आयोग के वकील ने बताया कि केरल की पत्रिका में छपी वह रिपोर्ट झूठी है।
प्रशांत भूषण की दलील पर जस्टिस संजीव खन्ना ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से इस आरोप को क्रॉसचेक करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से पूछा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ न हो सके, ये सुनिश्चित करने के लिए आपकी ओर से क्या प्रकिया अपनाई जा रही है? याचिकाकर्ताओं ने पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट का भी हवाला देते हुए कहा कि आयोग उस पर भी अपना रुख साफ करे। चुनाव आयोग के अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केरल के कासरगोड में मॉक पोलिंग के दौरान ईवीएम के द्वारा भाजपा के पक्ष में वोट रिकार्ड दर्ज होने की छपी खबरें झूठी हैं। चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इसी तरह की मांग को लेकर याचिकाएं देशभर के हाई कोर्ट में दाखिल की गई। सभी हाई कोर्ट ने उन्हें खारिज किया है। चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का आधार गलत जानकारी पर आधारित है। ईवीएम मुद्दे को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ताओं की याचिका जुर्माने के साथ खारिज की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम एक स्वतंत्र मशीन है। इससे हैक या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।

वीवीपैट को फिर से डिजाइन करने की कोई जरूरत नहीं है। मैन्युअल गिनती में मानवीय भूल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन मौजूदा सिस्टम में मानवीय भागीदारी न्यूनतम हो गई है। जहां पर भी गड़बड़ी थी, वहां मॉक रन का डेटा नहीं हटाया गया। इसका ध्यान रखा गया है। जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रशांत भूषण से कहा कि अब आप अपनी मांग को लेकर बहुत आगे जा रहे हैं। हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के वकील ने सफाई देते हुए कहा कि हम कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं। सुबह जो शिकायत की थी वो चुनाव एजेंट द्वारा की गई है। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता मतदाताओं की पसंद और भरोसे को मजाक बना रहे हैं।

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