रामदिनेश यादव / मुंबई
महायुति सरकार में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच शीतयुद्ध जारी है। शिंदे भले ही उप मुख्यमंत्री हैं, पर अपनी मर्जी से वे कुछ भी नहीं कर सकते। इससे उनका ‘धंधा’ मंदा होने की चर्चा चल रही है। असल में शिंदे के १३ ‘शार्प शूटरों’ (अधिकारियों) की मंत्रालय में एक तरह से नो एंट्री हो गई है। ऐसे में वे किसी भी विभाग में ओएसडी नहीं बन सकते हैं। ऐसे में शिंदे असहाय नजर आ रहे हैं, क्योंकि अपने इन्हीं खास ‘शूटरों’ के जरिए वे विभिन्न ‘खास’ कामों को उनके अंजाम तक पहुंचाते थे। बता दें कि महायुति में खुद को कमजोर महसूस कर रहे शिंदे हर तरफ से खुद को मजबूत बनाने की जोरदार कोशिश कर रहे हैं, वहीं देवेंद्र फडणवीस अपने अप्रत्यक्ष प्रतिद्वंद्वी के पर कतरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
थम नहीं रहा है शिंदे-फडणवीस का शीतयुद्ध
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच का शीतयुद्ध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। शिंदे के तमाम पुराने निर्णय में भ्रष्टाचार होने का संकेत देते हुए फडणवीस ने उसे रद्द कर दिया है। इसके बाद शिंदे के खास अधिकारियों या यूं कहें कि शिंदे के ‘शार्प शूटर’ अधिकारियों को मंत्रालय में नियुक्ति पर भी फडणवीस ने अप्रत्यक्ष रूप से पाबंदी लगा दी है।
सूत्रों की मानें तो फडणवीस के पास एकनाथ शिंदे के ‘शार्प शूटर’ अधिकारियों की एक सूची है और उसे सूची में शामिल किसी भी अधिकारी को एवं व्यक्ति को मंत्रालय में किसी भी मंत्री के पास बतौर ओएसडी नियुक्त नहीं होने दी जा रही है और न ही उस अधिकारी की पोस्टिंग मंत्रालय में होने दी जा रही है। ऐसे में मंत्रालय में फडणवीस की धमक के चलते शिंदे की मंत्रालय में नहीं चल पा रही है, जिस वजह से अब शिंदे का ‘धंधा’ मंत्रालय में मंदा हो गया है। शिंदे का कोई भी काम आसानी से नहीं हो रहा है। ऐसा दावा सूत्रों ने किया है।
दरअसल, राज्य प्रशासन विभाग मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास है। ऐसे में मंत्रालय में एवं अधिकारियों के पास जब भी किसी व्यक्ति की नियुक्ति हो रही होती है तो उसकी फाइल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास से गुजरती है। सूत्रों के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस के पास सूची में शिंदे के ‘शार्प शूटरों’ के नाम पहले से नोट हैं। यदि उनके नाम की सिफारिश संबंधित मंत्रालय के मंत्री की ओर से आई है तो वे उसे काट देते हैं।
खास लोगों के प्रस्ताव रिजेक्ट
वे शिंदे के खास लोगों एवं अधिकारियों को नियुक्त करने के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर देते हैं। फडणवीस ने अपने खुफिया तंत्र को साफ निर्देश दिया है कि शिंदे एवं उनके खास मंत्रियों एवं अधिकारियों पर पैनी नजर रखी जाए।
गोपनीय बैठक की खबर फडणवीस को मिल रही
इस प्रकार से शिंदे के हर कार्य पर देवेंद्र फडणवीस की नजर है। उनके विभाग के लोग खुफिया तौर से शिंदे की हर बैठक पर नजर बनाए हुए हैं। शिंदे की गोपनीय बैठक की खबर भी फडणवीस को मिल रही है। वे मंत्रालय हो या ठाणे में अपने घर पर किससे मिलते हैं, सभी की खबर फडणवीस के खुफिया तंत्र उन तक पहुंचाते हैं।