-कल फिर मुंबई में १३ आयातित पुलिस अधिकारियों की हुई पोस्टिंग
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव को लेकर अब सरगर्मी तेज हो गई है। इस सरगर्मी के बीच सभी की निगाहें सबसे ज्यादा मुंबई और ठाणे मनपा चुनाव पर टिकी हुई है। दोनों जगहों के मनपा चुनाव इस समय राज्य में हॉट विषय बन गए हैं। इन सबके बीच चाणक्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शिंदे गुट की मुंबई में बढ़ती साख को धराशाई करने में जुट हुए हैं। इसके लिए शिंदे को चित करने के लिए भाजपा मुंबई में छोटे भाई की भूमिका निभा रही है। इसी कड़ी में एक सप्ताह पहले ही मुंबई पुलिस आयुक्तालय में उन्हीं के इशारे पर १३ पुलिस उपायुक्तों की शहर में ही उनके मनचाहे स्थानों पर पोस्टिंग की गई थी। इसके साथ ही २२ पुलिस निरीक्षकों का भी तबादला किया जा चुका है। इसी कड़ी में अब कहा जा रहा है कि सीएम फडणवीस ने अपने करीबी १३ पुलिस अधिकारियों को मुंबई के बाहर से आयात कर उनकी पोस्टिंग मुंबई में की है, ताकि घाती गुट को उनकी जगह दिखाई जा सके।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र पुलिस बल में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले किए गए थे। उसके तुरंत बाद राज्य सरकार और गृह विभाग ने कुल २२ पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों के तबादले के आदेश जारी किए थे। अब यह सिलसिला मुंबई पुलिस तक पहुंचा है। बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार किसी भी हालत में मनपा पर कब्जा जमाने की रणनीति बना चुकी है। उसी के तहत परदे के पीछे की हलचल तेज हो गई है। इस बीच पिछले महीने ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया। देवेन भारती को फडणवीस का करीबी माना जाता है और उनके लिए ही ‘विशेष पुलिस आयुक्त’ का नया पद भी बनाया गया था। अब उनके आयुक्त बनने के बाद उस विशेष पद का क्या होगा, यह सवाल भी उठने लगा है। इस बीच कल फिर एक साथ ११ पुलिस अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों से मुंबई में लाकर उनकी पोस्टिंग की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह फेरबदल शहर की कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में किया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस पर अलग ही चर्चाएं हैं।
भीतरखाने जारी है कोल्ड वॉर
दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहो और एक-दूसरे की जड़ काटते रहो वाला फॉर्मूला महायुति सरकार में देखने को मिल रहा है। मजबूरी में एक दूसरे को साथ लेकर चलने वाले शिंदे गुट, अजीत पवार गुट और भाजपा के भीतरखाने कोल्ड वॉर चल रहा है। सबसे अहम बात यह है कि भाजपा महाराष्ट्र के बाद मुंबई के मनपा चुनाव में अपना वर्चस्व जमाना चाहती है और इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बड़ा खेल खेलने की चाल चल रहे हैं। हालांकि, एकनाथ शिंदे को यह एहसास है कि उन्हें घेरा जा रहा है और उपेक्षा व अनदेखी की जा रही है।
विपक्ष के आरोप
राज्य में पहले घाती सरकार और अब महायुति सरकार के बाद से पुलिस बल में बार-बार हो रहे इन फेरबदल को लेकर विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक दबाव और रणनीति का हिस्सा है, ताकि मनपा चुनावों से पहले सत्ता पक्ष को फायदा हो। इस फेरबदल की वजह से न केवल मुंबई, बल्कि राज्य के कई अन्य जिलों में भी प्रशासनिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। ये बदलाव आनेवाले मनपा चुनावों के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र पुलिस बल में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले किए गए थे। उसके तुरंत बाद राज्य सरकार और गृह विभाग ने कुल २२ पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों के तबादले के आदेश जारी किए थे। अब यह सिलसिला मुंबई पुलिस तक पहुंचा है। बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार किसी भी हालत में मनपा पर कब्जा जमाने की रणनीति बना चुकी है। उसी के तहत परदे के पीछे की हलचल तेज हो गई है। इस बीच पिछले महीने ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया। देवेन भारती को फडणवीस का करीबी माना जाता है और उनके लिए ही ‘विशेष पुलिस आयुक्त’ का नया पद भी बनाया गया था। अब उनके आयुक्त बनने के बाद उस विशेष पद का क्या होगा, यह सवाल भी उठने लगा है। इस बीच कल फिर एक साथ ११ पुलिस अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों से मुंबई में लाकर उनकी पोस्टिंग की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह फेरबदल शहर की कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में किया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस पर अलग ही चर्चाएं हैं।
भीतरखाने जारी है कोल्ड वॉर
दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहो और एक-दूसरे की जड़ काटते रहो वाला फॉर्मूला महायुति सरकार में देखने को मिल रहा है। मजबूरी में एक दूसरे को साथ लेकर चलने वाले शिंदे गुट, अजीत पवार गुट और भाजपा के भीतरखाने कोल्ड वॉर चल रहा है। सबसे अहम बात यह है कि भाजपा महाराष्ट्र के बाद मुंबई के मनपा चुनाव में अपना वर्चस्व जमाना चाहती है और इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बड़ा खेल खेलने की चाल चल रहे हैं। हालांकि, एकनाथ शिंदे को यह एहसास है कि उन्हें घेरा जा रहा है और उपेक्षा व अनदेखी की जा रही है।