सामना संवाददाता / मुंबई
शहर के पांच बड़े बिल्डरों ने शिवशाही पुनर्वास परियोजना के ट्रांजिट वैंâप का किराया ११६ करोड़ रुपए नहीं चुकाया है। यह खुलासा सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी में हुआ है। बिल्डरों द्वारा झोपड़पट्टियों के पुनर्विकास करते समय वहां के निवासियों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के लिए ट्रांजिट वैंâपों में घर उपलब्ध कराए हैं। इसके लिए बिल्डर्स शिवशाही पुनर्वास परियोजना से ट्रांजिट कैंप किराए पर लेते हैं।
शिवशाही द्वारा एक घर के लिए ४० हजार रुपए डिपॉजिट और ७ हजार रुपए किराया लिया जाता है। शिवशाही ने शहर के पांच बड़े बिल्डरों को ६६७ मकान लीज पर दिए हैं। बिल्डरों द्वारा पिछले कई वर्षों से बकाया भुगतान न करने के कारण ब्याज समेत बकाया का आंकड़ा ११६ करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यह चौंकाने वाला तथ्य तब सामने आया जब विलास रूपवते ने सूचना के अधिकार के तहत शिवशाही पुनर्वास परियोजना से बिल्डरों द्वारा वसूले गए किराए के संबंध में जानकारी मांगी।
इस बीच, शिवशाही अधिकारी केवल बिल्डरों को नोटिस भेजते हैं, लेकिन बिल्डर उनके नोटिस का पालन नहीं करते हैं। विलास रूपवते ने सवाल उठाया है कि क्या सरकार ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।