सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने वाहन चालकों के लिए एक नया नियम लागू किया है, जो लाखों वाहन मालिकों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। राज्य में अप्रैल २०१९ से पहले पंजीकृत दो करोड़ से अधिक वाहनों पर ३१ मार्च २०२५ से पहले हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स एक दुर्लभ एल्यूमिनियम मिश्रधातु से बनाई जाती हैं, जिसमें परावर्तक फिल्म और भारत का प्रतीक अशोक चक्र का होलोग्राम होता है। इन प्लेट्स पर नीले रंग में `आईएनडी’ अक्षर और १० अंकों का लेजर क्रमांक होता है, जो इन्हें छेड़छाड़-रोधी बनाता है। वाहन की विंडस्क्रीन पर तीसरा पंजीकरण स्टीकर लगाना भी अनिवार्य है।
नियम न मानने पर जुर्माना
मार्च २०२५ के बाद, जिन वाहनों पर हाइ सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होगी, उन पर मोटर वाहन अधिनियम, १९८८ के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जुर्माने की राशि अभी घोषित नहीं की गई है।
चार महीनों में असंभव
सेवानिवृत्त आरटीओ अधिकारियों ने इस नियम को अव्यावहारिक और लागू करने के लिए कठिन बताया है। उनका कहना है कि सिर्फ चार महीनों में दो करोड़ से अधिक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना असंभव है।
३ क्षेत्रों में ३ कंपनियों की नियुक्ति
क्षेत्र १- रोस्मर्टा सेफ्टी सिस्टम्स लिमिटेड (१२ आरटीओ कार्यालय)
क्षेत्र २- रियल मजोन इंडिया लिमिटेड (१६ आरटीओ कार्यालय)
क्षेत्र ३-एफटीए एचएसआरपी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (२७ आरटीओ कार्यालय)
वाहन चालकों के लिए सिरदर्द
वाहन मालिकों का कहना है कि उनको चार महीनों में दो करोड़ से अधिक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए नियुक्त कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर अपॉइंटमेंट लेनी होगी। प्लेट्स तैयार होने में दो दिन का समय लगेगा। इंस्टॉलेशन के बाद वाहन की सारी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। वहीं सरकार द्वारा वाहन चोरी रोकने और पहचान सुनिश्चित करने के लिए एचएसआरपी प्लेट्स को महत्वपूर्ण बताया गया है। वैसे इतनी बड़ी संख्या में वाहनों पर निर्धारित समय सीमा के अंदर प्लेट्स लग पाएंगे, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। महाराष्ट्र के वाहन चालकों के लिए आने वाले कुछ महीने बेहद भागदौड़ भरे साबित हो सकते हैं।
शुल्क
दोपहिया और ट्रैक्टर के लिए ४५० रुपए
तिपहिया वाहन के लिए ५०० रुपए
चारपहिया वाहन के लिए ७४५ रुपए (जीएसटी अतिरिक्त)