मुख्यपृष्ठखेल`जाओ, जाकर ऑटो चलाओ'

`जाओ, जाकर ऑटो चलाओ’

कहते हैं अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए मां-बाप कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। अपने बच्चे की अच्छी शिक्षा, उसके बेहतर भविष्य के लिए वे बड़ी सी बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार रहते हैं। उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ऐसा ही बचपन टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का रहा है। बता दें कि सिराज के दिवंगत पिता ऑटोरिक्शा चलाते थे। मोहम्मद सिराज ने एक इंटरव्यू में अपने दिवंगत पिता को गर्व से याद किया जो एक
ऑटो ड्राइवर थे और जिन्होंने सुनिश्चित किया कि आर्थिक चुनौतियों की वजह से बेटे का सपना न बिखरे। तेज गेंदबाज ने यह भी याद किया कि कैसे कभी जब उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता था तो ट्रोलर उन्हें यह कहकर ताना मारते थे, `जाओ, पिता की तरह ऑटो चलाओ।’ सिराज ने कहा कि उनके पिता का काम अपमानजनक नहीं था, बल्कि उनकी ताकत थी। उन्होंने कहा, `लेकिन मेरे पिता का काम अपमान नहीं, बल्कि मेरी ताकत है। उन्होंने मुझे सिखाया कि कड़ी मेहनत का असली मतलब क्या है। अपना सिर नीचे रखकर चलते रहना, कौन क्या कहता है, उससे कोई मतलब नहीं।

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