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सरकार अपनी जिम्मेदारी को समझे-अविमुक्तेश्वरानंद

बीते दिनों पहलगाम में हुए हमले को लेकर देश का माहौल गर्म है। आतंकियों ने पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें २७ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक यूएई और एक नेपाल का पर्यटक और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं। इस घटना के बाद देशवासियों ने सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी भी जाहिर की है। पूरा देश गम के साथ गुस्से में डूबा हुआ है। इस घटना को लेकर आम से लेकर खास हर कोई अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। इस घटना को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से वरिष्ठ पत्रकार योगेश कुमार सोनी की हुई बातचीत के मुख्य अंश-
पहलगाम की घटना को लेकर आप क्या कहेंगे?
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसमें कई बेकसूर लोगों को बिना वजह मारा गया। सुरक्षा एजेंसियों की चूक की वजह से जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके दिल का हाल जाना जाए तो असहनीय पीड़ा होती है। कई परिवारों का अस्तित्व ही खत्म हो गया। हमें सरकार ने कहा कि अब घाटी का आतंकवाद खत्म हो गया तो लोगों ने बेफिक्र होकर जाना शुरू कर दिया, लेकिन इस घटना के बाद सच्चाई सामने आ गई और एक बार फिर यह साबित हो गया कि घाटी से आतंकवाद अभी खत्म नहीं हुआ।
हिंदुओं को निशाना बनाए जाने पर आप क्या सोचते हैं?
आतंकियों की ये सीधी युद्ध की चेतावनी है। पहलगाम में हिंदुओं पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत हुआ है। धर्म पूछकर मारा जाना, यह बर्बरता की निशानी है। सरकार को इसकी निंदा ही नहीं, बल्कि दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को बड़े एक्शन ऑफ प्लान की जरूरत है। सिंधु जल संधि को खत्म करके सरकार जनता को मुद्दे से भटकाने का काम कर रही है। सबसे पहले आतंकी हमले के जिम्मेदार की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। इसके बाद सीमापार बैठे आकाओं को सबक सिखाने के लिए सरकार युद्ध की तैयारी करे। देश की जनता सरकार के साथ है।
पाकिस्तान से आतंकी आते हैं और देश में इतनी बड़ी घटना को अंजाम देकर चले जाते हैं, लेकिन हमारी सरकार या एजेंसियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। क्या कहेंगे?
घर में हमने चौकीदार रखा हुआ है और हमारे घर में कोई घटना होती है तो हम सबसे पहले किसे पकड़ें? सबसे पहले तो चौकीदार को पकड़ेंगे न कि तुम कहां थे? किसलिए ऐसी घटना हुई? लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। सवाल यह है कि यदि आतंकवादी पाकिस्तान से आए तो वह इतनी दूरी तय वैâसे कर गए और किसी को पता भी नहीं चला। यह भी कहा जा रहा है कि लोकल लोग मिले हुए थे तो उनकी पहचान या उनकी गतिविधियों पर एजेंसियों द्वारा नजर क्यों नहीं रखी गई। सभी समीकरणों के आधार पर हमारी विफलता दिख रही है। क्या आतंकवादी हमारे से ज्यादा हाईटेक हो गए? जहां हम एक ओर अपने आप को विश्वगुरु व विश्वशक्ति होने की बात कहते हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटना से हमारी विफलता स्पष्ट झलकती है। हमारे देश में ही यदि हिंदू सुरक्षित नहीं हैं तो फिर हम क्या उम्मीद कर सकते हैं।
यदि यह घटना पाकिस्तान ने की और इसके साक्ष्य मिल जाते हैं तो क्या पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जबाव देना चाहिए?
निश्चित तौर पर देना चाहिए। चूंकि आतंक का स्वर्ग कहे जानेवाले पाकिस्तान जैसे देश की हमारे सामने क्या औकात है और यदि आज इनको जवाब नहीं दिया तो हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रह जाएंगे। कोई कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है। पाकिस्तान को जवाब देना ही चाहिए।
देश में बैठे भी कुछ गद्दार हैं, जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। उनके लिए क्या कहेंगे आप?
हम बाहरी आतंकवाद व गद्दारों से कम, लेकिन देश में बैठे गद्दारों से ज्यादा परेशान हैं। चूंकि ऐसे लोगों की वजह से देश की एकता व लोकतंत्र कमजोर होता है। जैसा कि बताया यह भी जा रहा है कि पहलगाम में लोकल लोगों की मिलीभगत से यह हमला हुआ तो इस बात के आधार पर तो यह ही तय होता है कि घर का भेदी लंका ढाए। मेरा मानना यह है कि पहले देश से आतंकवाद खत्म किया जाए और देश में बैठे गद्दारों का इलाज भी होना चाहिए। आज हम जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा देश बन चुके हैं, जिसे लेकर सरकार को कोई रणनीति बनानी चाहिए। चूंकि अब अव्यवस्था पैâलने लगी है।
ऐसी घटनाओं से आम आदमी को नुकसान होता है, चाहे वो देश में रह रहा पाकिस्तानी हो या पाकिस्तान में रह रहा हिंदुस्थानी। इस पर आप क्या सोचते हैं?
बताया जा रहा है कि हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द कर दिया गया। इस बीच अब तक ९२६ पाकिस्तानी नागरिकों को पाकिस्तान भेजा जा चुका है, लेकिन सवाल यह है कि इससे आतंकवाद पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आम आदमी से इसका कोई लेना-देना नहीं होता। आतंकवादी का रूप पहचानने के लिए एजेंसियों को अभी अपडेट व अपग्रेड होने की जरूरत है। हम केवल बातों से काम चलाएं यह संभव नहीं है। देश की दिशा व दशा को तय करने के लिए हमें अभी अतिरिक्त मेहनत की जरूरत है।
देशवासियों के लिए कोई संदेश?
हमारा देश भाईचारे के आधार पर चलता है और यदि किसी के मन में कोई गलतफहमी है कि वो पाकिस्तान समर्थक बनकर अपनी गुंडागर्दी चलाएगा तो वह इसे निकाल दे। हमारा देश व सनातन दोनों ही हर किसी को स्वीकार करता है, लेकिन उसके लिए सामनेवाले की भावनाएं सच्ची होनी चाहिए। आतंकवाद का धर्म नहीं होता है।

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