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हजारों पाकिस्तानियों का हत्यारा है हाफिज सईद!.. लश्कर-ए-तैयबा सरगना के पूर्व बॉडीगार्ड का सनसनीखेज आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई

पहलगाम हमले के बाद आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। अब पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक पूर्व आतंकी ने इसके खौफनाक राज खोले हैं। लश्कर का यह पूर्व आतंकी नूर दाहरी अब खुलकर हाफिज सईद का काला-चिट्ठा खोल रहा है। नूर दाहरी का कहना है कि हाफिज हजारों पाकिस्तानियों का हत्यारा है।
मौत के रास्ते पर धकेला
नूर दाहरी ने हजारों पाकिस्तानियों की मौत के लिए हाफिज सईद को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर राज्य के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए युवाओं को मौत के रास्ते पर धकेलने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि वह कभी आतंक की राह पर जाना नहीं चाहता था, लेकिन कैसे हाफिज सईद से प्रभावित होकर लश्कर में शामिल होने के उसके पैâसले ने सुनहरे भविष्य को पटरी से उतार दिया।
बनना चाहता था डॉक्टर, हाफिज ने बना दिया आतंकी!
लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद के पूर्व बॉडीगार्ड नूर दाहरी ने अपने पूर्व आका पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। नूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक लंबी पोस्ट में संगठन में अपनी भर्ती, वहां के अनुभवों और इससे हुए मोहभंग के बारे में पूरी कहानी साझा की है। ब्रिटेन स्थित थिंक टैंक इस्लामिक थियोलॉजी ऑफ काउंटर टेररिज्म के संस्थापक और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नूर दाहरी ने कहा कि उसकी मां की इच्छा थी कि वह डॉक्टर बने, लेकिन इसके बावजूद वह प्रतिबंधित समूह के संस्थापक हाफिज सईद के प्रभाव में आकर यूनिवर्सिटी की पढ़ाई छोड़कर लश्कर में शामिल हो गया।
क्यों छोड़ा लश्कर-ए-तैयबा?
नूर के अनुसार, हर गुरुवार को पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से ५०० लोगों को अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में स्थित मआसकर तैयबा नाम के ट्रेनिंग वैंâप में भेजा जाता था, लेकिन उनमें से अधिकतर कभी लौटकर नहीं आते थे। नूर ने बताया कि जब वह अफगानिस्तान और पाकिस्तानी कश्मीर में गया तो इस संगठन का ‘असली चेहरा’ देखा। इसके बाद उसने लश्कर-ए-तैयबा छोड़ने का फैसला किया। नूर दाहरी ने याद किया कि जब उसने जाने की इच्छा व्यक्त की तो लश्कर-ए-तैयबा के कमांडरों ने उसे ‘कायर’ करार दिया था। पूर्व लश्कर सदस्य ने कहा, ‘मुझे याद है कि जब लश्कर कमांडरों ने डेथ कल्ट से अलग होने के मेरे पैâसले के बारे में सुना तो उन्होंने मुझे कायर कहा था।’ उसने कहा, ‘हाफिज सईद राज्य के राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए युवाओं को मौत के रास्ते पर धकेलता है।
राख की जंग
लश्कर पाकिस्तान की सत्ता के इशारों पर एक ‘राख की जंग’ लड़ रहा है, जिसमें केवल मासूमों की जान जा रही है। मैं अपने जीवन में अपनी आंखों से हाफिज सईद का दर्दनाक अंत देखना चाहता हूं। नूर दाहरी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि आज वह उस जिंदगी से कहीं बेहतर स्थिति में है, जहां हाफिज सईद उसे ले जाना चाहता था। उसका कहना है कि अल्लाह ने उसे इस्लाम के नाम पर हो रहे इस धोखे को उजागर करने के लिए चुना है।
हाफिज सईद की सुरक्षा में था तैनात
उसने बताया कि कैसे उसे मुरीदके में हाफिज सईद की सुरक्षा का काम सौंपा गया था, जहां आतंकी सरगना आराम से रहता था और मॉडिफाइड टोयोटा विगो में यात्रा करता था। उस गाड़ी में सोने के लिए आरामदायक जगह थी। उसने बताया कि सईद के उग्र उपदेशों से प्रभावित होकर, अनगिनत युवाओं को लश्कर में भर्ती किया गया और उन्हें अफगानिस्तान व कश्मीर भेजा गया।

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