मुख्यपृष्ठस्तंभहिमाचल की हलचल : सीएम सुक्खू की सादगी के चरचे जुबां पर

हिमाचल की हलचल : सीएम सुक्खू की सादगी के चरचे जुबां पर

मनमोहन सिंह
नादौन से गग्गल एयरपोर्ट जाते समय सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा बाईपास पर अचानक रुक गए। साथ में मौजूद स्टाफ भी अचकचाकर रुक गए। वे गाड़ी से उतरे और सड़क किनारे खड़ी फूड वैन की ओर चल पड़े। सामने से सीएम को देखकर फूड वैन मालिक राजीव शर्मा उनकी ओर दौड़ पड़े। सीएम ने राजीव को गले लगा लिया। सीएम ने बताया कि राजीव से उनकी पुरानी जान-पहचान है और राजीव खाना बहुत अच्छा बनाते हैं। वे उनके हाथ के खाने का स्वाद आज तक नहीं भूले हैं। चीफ मिनिस्टर और राजीव ने पुरानी यादें ताजा कीं। सीएम ने राजीव को ५० फीसदी सब्सिडी पर इलेक्ट्रिक वाहन लेने के लिए कहा। सीएम के रुकने पर राजीव गदगद हो गए। उन्होंने सीएम सुक्खू की तारीफ की। राजीव कांगड़ा के हैं। २०२२ में जब सीएम प्रियंका गांधी के रोड शो में जा रहे थे, तब उन्होंने उनके फूड वैन में खाना खाया था। इस बीच में उनसे मिलते रहे और इस दफा सीएम एक बार फिर उनके पास रुके और हालचाल जाना। बकौल, राजीव सीएम बहुत ही मिलनसार हैं। वे हर किसी से मिलते हैं और गरीबों की मदद करना उनका स्वभाव है। आपदा में उन्होंने बाढ़ प्रभावितों की काफी मदद की। उन्होंने अपनी व परिवार की जीवनभर की कमाई ५१ लाख रुपए दान कर दी। वे हिमाचल के लोगों के लिए अच्छी योजनाएं ला रहे हैं। हिमाचल में उनकी सरकार बनी है, वे चाहते हैं कि केंद्र में भी उनकी पार्टी की सरकार बने। चीफ मिनिस्टर के ये काम फिलहाल चर्चा में है और लोग तारीफों की पुल बांध रहे हैं।
दल-बदलू निर्दलीय विधायकों की सदस्यता होगी रद्द!
दल-बदल कानून के तहत हिमाचल प्रदेश के रेवेन्यू मिनिस्टर जगत सिंह नेगी ने तीन निर्दलीय विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। जगत सिंह नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष के पास एक याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वॉइन कर ली थी, ऐसे में यह मामला दल-बदल कानून के दायरे में आता है इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें। नेगी के मुताबिक, भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था, जिसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली है। निर्दलीय विधायकों ने भी दबाव में इस्तीफे दिए और इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हो गए हैं। ये दल-बदल कानून के दायरे में आता है इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है। वहीं विधायक हरीश जनारथा ने भी मामले में एक अलग याचिका हाई कोर्ट में दायर की है। निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के मामले में हिमाचल हाई कोर्ट में कल सुनवाई हुई। ३० अप्रैल को मामले की सुनवाई फिर शुरू होगी। वहीं पर दल बदल कानून को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के पैâसले पर भी सबकी नजरें लगी हुई है।
हजारों करोड़ रुपए का
कर्ज चढ़ा कर गई भाजपा!
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के इस आरोप पर कि कांग्रेस अपने मैनिफेस्टो के मुताबिक आपकी संपत्ति अपने वोट बैंक के लिए उन लोगों को बांट देंगे, इससे उनका कभी हक नहीं रहा था से कांग्रेसी ही नहीं, बल्कि हिमाचल के आम नागरिकों में भी नाराजगी छा गई है। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कांग्रेस पर इस तरह का आरोप लगाकर लोगों की नाराजगी मोल ले चुके हैं। उनके इन आरोपों पर कि कांग्रेस के राज में न संपत्ति, न संतान, न सीमा और न ही सरहद सुरक्षित है, पलट कर जवाब देते हुए कांग्रेस के बैजनाथ के विधायक किशोरी लाला ने कहा कि विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली भाजपा की जयराम सरकार ७५ हजार करोड़ कर्ज और १,१०० हजार करोड़ की राशि खाते में छोड़कर गई थी। उनका बस चलता तो सब कुछ भेज देते लेकिन यह कांग्रेस थी, जिसे हालात को बढ़िया बना दिया है। हजारों करोड़ रुपए के कर्ज के बावजूद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है।

अन्य समाचार