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१२ दिनों में कैसे होंगे मुंबई के नाले साफ? …अब तक आधों की सफाई भी नहीं हुई है पूरी …२८४ करोड़ रुपए सफाई पर हो रहे खर्च

२५४ किमी बड़े नाले हैं शहर में
४४४ किमी हैं छोटे नाले
नाला सफाई अभियान ५० प्रतिशत भी नहीं पूरा!
रामदिनेश यादव / मुंबई
हर साल मानसून से पहले मुंबई के तमाम नालों और नदियों की सफाई मनपा द्वारा की जाती है, ताकि मानसून में बरसाती पानी की निकासी सरलता से हो सके। इसके लिए भारी भरकम बजट भी मनपा ने निर्धारित किया है। दो वर्षों से मुंबई में मानसून के दौरान नालों की सफाई नहीं होने से हल्की बारिश में भी बाढ़ जैसी स्थित बन जाती है। इस बार भी वही अवस्था दिखाई पड़ रही है। मनपा ने टारगेट के बावजूद अब तक मात्रा ४८ प्रतिशत ही नाला सफाई का काम किया है, जिसे लेकर मनपा के पूर्व नगरसेवकों ने मनपा प्रशासन का घेराव किया है। सोशल मीडिया पर मनपा को धीमी नाला सफाई अभियान के लिए फटकार भी लगाई है। मनपा २८४ करोड़ रुपये नाला सफाई के लिए खर्च कर रही है। जनवरी में ही मनपा ने इसका टेंडर जारी कर काम शुरू किया था। अप्रैल महीने तक ३७ प्रतिशत काम होने की जानकारी साझा की गई थी। अब मई महीने के अंतिम सप्ताह तक भी मनपा में ५० प्रतिशत का टारगेट भी पूरा नहीं किया है।

मनपा ने मुंबई के ज्यादातर इलाकों में अभी नाला सफाई का काम पूरा नहीं किया है। मनपा ने अब तक नालों की सफाई का काम मात्र ४८ प्रतिशत ही किया है। मनपा का दावा झूठा है। मुंबई के तमाम इलाकों में नालों तक अभी सफाई कर्मचारी भी नहीं पहुंचे हैं।
-रवि राजा, मनपा में पूर्व विपक्ष नेता

सफाई अभियान सिर्फ दिखावा
मनपा का सफाई अभियान सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। रवि राजा ने कहा कि मानसून सर पर है लेकिन नाला सफाई अभियान में मनपा अपने टारगेट का आधा काम भी पूरा नहीं कर पाई है। एक सप्ताह बाद बारिश होने पर सड़क पर पड़े कीचड़ की तरह मनपा का भ्रष्टाचार भी नालों में फिर से बह जाएगा। आश्चर्य है कि इस वर्ष मनपा के नाला सफाई से खुद भाजपा के लोग भी खुश नहीं है। भाजपा नेता आशीष शेलार ने मनपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुंबई को इस बार तुम्बई बनाने का काम मनपा करेगी। उधर मनपा अधिकारी के अनुसार, हम सही समय पर टारगेट पूरा करेंगे।
बता दें मनपा क्षेत्र में २५४ किमी बड़े नाले हैं तो ४४४ किमी छोटे नाले हैं, इसमें २१. ५ किमी लम्बी मीठी नदी और १२ किमी लंबी दहिसर नदी है। हर साल मनपा लगभग ९ लाख टन कीचड़ नालों से निकलती है। ऐसा दावा किया जाता है। इसमें ७५ प्रतिशत काम मानसून से पहले तो १५ प्रतिशत काम मानसून के दौरान और १० प्रतिशत काम मानसून के बाद किया जाता है। इस वर्ष मनपा ने नालों की सफाई के लिए शहर में ६० करोड़ रुपए और पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों के लिए क्रमश: ७९ करोड़ और १४५ करोड़ मिलाकर कुल २८४ करोड़ रुपए खर्च कर रही है।
३१ मई है डेडलाइन
मनपा ने इस काम को ३१ मई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल, मनपा ने इस काम के लिए कुल २५७ करोड़ रुपए खर्च किए थे। मनपा ने कीचड़ निकालने के काम में पारदर्शिता के लिए एक डैसबोर्ड बनाया है, जिसपर ऑनलाइन ब्यौरा जारी किया जाता है। इसमें कीचड़ निकालने के काम को ट्रैक करने का एक सिस्टम है। जहां भी नालों की सफाई नहीं हुई है, लोग सीधे शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए मनपा वेबसाइट पर एक नंबर भी दिया गया है।

 

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