मुख्यपृष्ठग्लैमर‘मैंने उसे भी सहर्ष स्वीकार किया!’-तृप्ति डिमरी

‘मैंने उसे भी सहर्ष स्वीकार किया!’-तृप्ति डिमरी

गढ़वाल जिले में जन्मी खूबसूरत अभिनेत्री तृप्ति डिमरी का नाम फिल्म ‘एनिमल’ की सफलता के बाद चारों ओर सुर्खियों में छा गया है।
नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से फिल्मों में कदम रखनेवाली तृप्ति कम समय में ही बॉलीवुड में कई अच्छे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बन चुकी हैं। पेश है, तृप्ति डिमरी से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

 क्या आपको फिल्म ‘एनिमल’ की सफलता की इस कदर उम्मीद थी?
फिल्म ‘एनिमल’ के निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा ने मुझे अपने दफ्तर में मीटिंग के लिए बुलाया। जब उन्होंने फिल्म में मेरे किरदार जोया के बारे में मुझे बताया तो मैं हैरान हो गई क्योंकि जोया का किरदार नायिका का नहीं खलनायिका का था। मेरे लिए जोया का किरदार निभाना एक चैलेंज था। लेकिन मुझे विश्वास था कि दर्शक मेरे किरदार को जरूर पसंद करेंगे और हुआ भी ऐसा।

‘एनिमल’ की सफलता के बाद अपने करियर में आप किन बदलावों को देख रही हैं?
फिल्म की सफलता से मैं बेहद खुश हूं क्योंकि मेरी परफॉर्मेंस को लोगों ने सराहा। इससे नए चैलेंजिंग किरदारों फिर चाहे वो निगेटिव हो या पॉजिटिव उन्हें स्वीकारने की मुझे हिम्मत मिली। करियर के इस मोड़ की अनुभूति सुखद है।

 आपके लिए फिल्म में अनुभवी कलाकारों के साथ काम करना कितना अलग अनुभव था?
निर्देशक ने पहले दिन से ही सेट का माहौल बहुत पॉजिटिव रखा। रश्मिका (मंदाना) बहुत ही प्यारी लड़की है। रश्मिका और अनिल कपूर के साथ मेरे ज्यादा सीन नहीं थे लेकिन सेट पर उनसे मुलाकात होती थी। सेट का माहौल बेहतरीन था। उन सबकी तुलना में मैं नई थी। अगर माहौल बेहतरीन नहीं होता तो मैं शायद मायूस हो जाती। फिल्म ‘एनिमल’ से जुड़ना मेरे लिए यादगार अनुभव बन चुका है।

 आपका अब तक का सफर कैसा रहा?
अपने अभिनय के अब तक के सफर से मैं संतुष्ट हूं। बॉलीवुड में मेरा कोई फिल्मी रिश्तेदार या गॉडफादर नहीं है। मैं अपनी मंजिल खुद ही ढूंढने निकली हूं। ऊपरवाले के आशीर्वाद और माता-पिता की दुआओं से मुझे अच्छे प्रोजेक्ट्स मिलते रहे। हर फिल्म, हर प्रोजेक्ट ने मुझे काफी कुछ सिखाया है। मैं बेहद एक्साइटेड हूं कि राजकुमार राव और विकी कौशल जैसे सुलझे हुए स्टार्स के साथ मेरी फिल्में रिलीज पर हैं। इससे ज्यादा मैं और किस चीज की उम्मीद कर सकती हूं।

 क्या आपको लगता है कि ‘एनिमल’ की सफलता से आप स्थापित अभिनेत्रियों की कतार में खड़ी हो गई हैं?
एक फिल्म चलती है, तो दूसरी नहीं चलती। सफलता-असफलता के इस खेल से आज तक कोई कलाकार बच नहीं सका। बस, सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ रही हूं। मुझे अच्छे मेकर्स, कहानियां और किरदार मिल रहे हैं लेकिन सफलता की गारंटी मैं वैâसे दे सकती हूं? आगे कोई फिल्म नहीं चली तो बातें होगी की मैं असफल हूं। लेकिन आत्मविश्वास के साथ मैं कह सकती हूं कि फिल्म ‘एनिमल’ की सफलता ने मुझे एक नई पहचान दी है। अब नए चैलेंजेस मैं स्वीकारती रहूंगी।

 फिल्म ‘लैला मजनू’, ‘पोस्टर बॉयज’, ‘बुलबुल’ जैसे प्रोजेक्ट्स के साथ आपकी क्या मेमोरीज रही?
हर फिल्म से रिलेटेड अनुभव एक कलाकार का जीवन समृद्ध कर देते हैं। अच्छे और बुरे दोनों अनुभव हो सकते हैं क्योंकि दोनों ही अनुभव जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

 क्या नॉन फिल्मी बैकग्राउंड की वजह से आपको काफी संघर्ष करना पड़ा?
संघर्ष तो करना पड़ा लेकिन कलाकारों के बैकग्राउंड से ज्यादा उनकी अभिनय के प्रति निष्ठा, समर्पण, मेहनत मायने रखती है। मैं पहले से ही जानती थी कि मुझे खुद को प्रूव करना है। संघर्ष करते हुए ही मैं आगे बढ़ी हूं। नेगेटिव किरदार स्वीकारना भी एक बड़ा चैलेंज था मेरे लिए लेकिन मैंने उसे भी सहर्ष स्वीकार किया।

 आपकी खूबसूरती-फिटनेस का क्या रहस्य है?
अच्छी स्किन पाना यह जेनेटिक होता है लेकिन बाल, स्किन, फिटनेस का रखरखाव करना हमारे हाथ में है और एक कलाकार होने के नाते हम कलाकारों का ये कर्तव्य और धर्म भी है। मैं अपनी डाइट पर बहुत ध्यान देती हूं। खाने में मेरी पसंदीदा डिश ही क्यों न हो मैं अपने खानपान पर नियंत्रण रखती हूं।

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