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ट्रांजिट कैंप में बेचोगे मकान तो जाओगे जेल! ..आरोपी के खिलाफ होगा धोखाधड़ी का मामला दर्ज म्हाडा ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय

सामना संवाददाता / मुंबई
ट्रांजिट कैंप में बने मकान को बेचकर म्हाडा को धोखा देने वालों की अब खैर नहीं है। म्हाडा ने ऐसे लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का फैसला किया है। ऐसे में ट्रांजिट कैंप में मकान बेचने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
म्हाडा को लगा रहे चूना
पुरानी बििंल्डग के पुनर्विकास के समय संबंधित बििंल्डग के निवासियों को असुविधा से बचाने के लिए ट्रांजिट कैंप में एक अस्थायी घर दिया जाता है। ल्डग के पुनर्विकास के बाद ट्रांजिशन कैंप में लिए गए घर को कानून के अनुसार म्हाडा को वापस करना होगा। हालांकि, यह बताया गया है कि कुछ लोग इस घर को एक-दूसरे को बेचकर म्हाडा को आर्थिक रूप से चूना लगा रहे हैं। म्हाडा द्वारा बेचे गए घर को वापस कब्जा में लेने के दौरान कानूनी कार्रवाई करनी होती है। इसमें समय और पैसा खर्च होता है।  मुख्य सतर्कता एवं सुरक्षा अधिकारी विनीत अग्रवाल का कहना है कि ट्रांजिट कैंप में घर बेचकर जानबूझकर म्हाडा को धोखा देने वाले निवासी पर भारतीय दंड संहिता की धारा ४०५, ४०६ के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

म्हाडा के मकानों में फर्जीवाड़ा
फर्जी कागजात के जरिए म्हाडा रिपेयर बोर्ड के मास्टर लिस्ट मकानों को हड़पने का मामला सामने आया है। शिकायत के बाद सकते में आई म्हाडा ने मास्टर लिस्ट मकानों के वितरण पर रोक लगाते हुए जांच बैठा दी है। संदेह के घेरे में से २६५ मकानों की फाईलों को पुन: खंगालने के लिए म्हाडा ने कार्यकारी इंजीनियरों की एक टीम का गठन करते हुए जांच कराने में जुटी है। इसी के चलते तीन महीने पहले निकली मास्टर लिस्ट मकानों की लॉटरी  के सभी मकानों के वितरण पर म्हाडा ने रोक लगा दी है। गौरतलब है कि म्हाडा रिपेयर बोर्ड के जरिए पुरानी इमारतों के रहिवासियों को ट्रांजिट कैंपों से निकाल कर उन्हें म्हाडा द्वारा बनाई गई इमारतों में मकान देने का कार्य करती है। कई सालों तक रहिवासी ट्रांजिट कैंपों में रहते हैं, इसी का फायदा उठाते हुए दलाल उनकी फाइलों के फर्जी कागजात बनाकर म्हाडा की लॉटरी में शामिल कर घर हथिया लेते हैं।

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