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नि:स्वार्थ सेवा, त्याग व समर्पण हो तो कन्यादान परिवार से जुड़ें …व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को ट्रस्ट में कोई जगह नहीं


-ट्रस्ट का आह्वान

सामना संवाददाता / मुंबई
राईपुर धर्मलक्ष्मी जनसेवा ट्रस्ट अपने सेवा कार्यों में निरंतता बनाए रखने के लिए जाना जाता है। राईपुर धर्मलक्ष्मी जनसेवा ट्रस्ट ने २०१६ में अपनी स्थापना के बाद मीरा-भायंदर में २०१७ में डॉ. कुमार विश्वास के हाथों कन्यादान अभियान की नींव रखी, जिसके बाद से लगातार मीरा-भायंदर में सात सफल सर्वजातीय सामूहिक विवाह महोत्सवों का आयोजन कर चुका है। एक आयोजन गोरेगांव के बांगुर नगर में भी किया गया था, जहां एक साथ ५५ बेटियों का कन्यादान किया गया था। एक कार्यक्रम नालासोपारा में भी आयोजित किया गया।
५,००० बेटियों का कन्यादान करना ट्रस्ट का संकल्प
ट्रस्ट ने कन्यादान अभियान के तहत १०वां सामूहिक विवाह समारोह २१ फरवरी २०२५ को बनारस में आयोजित किया, जिसमें १५ बेटियों का कन्यादान किया गया। संस्था ने ५,००० बेटियों का कन्यादान करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों से मिलकर जरूरतमंद माता-पिता की बेटियों के विवाह की चिंता दूर करते हुए अब तक ३३९ शादियां कराई जा चुकी हैं। ट्रस्ट के महिला व पुरुष पदाधिकारी मिलकर इस कार्य में तन, मन, धन से लगे हुए हैं। इस अभियान से कई समाजसेवी, उद्योगपति, राजनेता, पत्रकार और कलाकार जुड़कर यथासंभव अपना सहयोग दे रहे हैं। ट्रस्ट ने बनारस में महाकुंभ के अवसर पर १५ बेटियों का कन्यादान कर एक प्रकार से इसे महाकुंभ का ही रूप दिया। मुंबई के लगभग डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं ने वहां जाकर स्थानीय टीम के साथ मिलकर कन्यादान किया। इसी के साथ अयोध्या में रामलला का दर्शन व कुंभ स्नान भी किया। इस कार्य को दान, धर्म और कर्म से जोड़कर सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य किया। ट्रस्ट के इस सेवा कार्य को सफल बनाने के लिए कई लोग अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से नोवैक्स कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के केतन कनकिया, रवि अग्रवाल, गणेश अग्रवाल, डॉ. मोहनलाल अग्रवाल, राजेंद्र मित्तल, नवल किशोर सेकसरिया, उमराव सिंह ओस्तवाल, घनश्याम सिंह, विशाल सिंह, एड. आर पी. सिंह, रतनसिंह राठौड़, डॉ. योगेश लखानी, प्रेम सागर गुप्ता, सुखदेव सिंह राजपुरोहित, भरत सिंह राजपुरोहित, अरविंद जोशी, प्रदीप सुथार, चेतन शाह और मुकेश शर्मा ने प्रमुख भूमिका निभाई। ट्रस्ट ने कोरोनाकाल के साथ-साथ कई संकटों में भी अपने सेवा कार्य को रुकने नहीं दिया। ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि ट्रस्ट का हर कार्यकर्ता नि:स्वार्थ, त्याग और समर्पण की भावना के साथ इस अभियान से जुड़कर कार्य करता है। जिन्हें ट्रस्ट के नि:स्वार्थ, त्याग और समर्पण की भावना पसंद नहीं आती, वे लोग अपने आप दूर हो जाते हैं, क्योंकि संस्था ने एक ही मंत्र लोगों को दिया है कि जब तक आपके अंदर त्याग व समर्पण की भावना नहीं होगी, तब तक आप समाज को कुछ अच्छा नहीं दे पाएंगे। अगर लोकहित के लिए काम करना है तो अपने सुख को त्यागना होगा। जब दान, धर्म और कर्म की यात्रा पर निकले हो तो आपके दिल और मन में सेवा ही होनी चाहिए और जब आप सच्चे मन से सेवा के भाव में डूबे रहेंगे तो अपने सुख के बारे में नहीं सोच पाएंगे। इस सोच के साथ सभी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने के लिए कहा जाता है।
२० अप्रैल को मीरा-भायंदर में २१ बेटियों का किया जाएगा कन्यादान
संस्था नए सदस्यों को परिवार से जुड़ने से पहले समर्पण, नि:स्वार्थ और त्याग की भावना सिखाती है। अगर आपके मन में त्याग की भावना हो, तभी कन्यादान परिवार से जुड़ें। संस्था की विचारधारा में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की कोई जगह नहीं है, ऐसा स्पष्ट संदेश लोगों को दिया जाता है। संस्था इस अभियान को पूरे भारत में ले जाना चाहती है। उसी कड़ी में बनारस में पहला कार्यक्रम किया गया। ट्रस्ट का कन्यादान परिवार २० अप्रैल २०२५ को फिर २१ बेटियों का कन्यादान मीरा-भायंदर में करने जा रहा है।

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