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नगर निगम वाराणसी की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय…23 डॉग ब्रीड्स पर प्रतिबंध…पालतू जानवरों के लिए अनिवार्य हुआ लाइसेंस

उमेश गुप्ता / वाराणसी

वाराणसी महापौर की अध्यक्षता में हुई सदन की हुई बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी।
जिसमें नव विस्तारित क्षेत्रों के वार्डो में अतिरिक्त पॉच लाख रूपये से पेयजल की व्यवस्था करने, कूड़ा उठान वाली कम्पनी को मानक के अनुरूप कार्य करने के निर्देश के साथ ही
कई प्रस्तावों पर मुहर लगी।
इसके अलावा शहर में पालतू जानवरों विशेषकर कुत्तों और बिल्लियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया, जिसके तहत बैठक में 23 हिंसक नस्लों के कुत्तों की खरीद-फरोख्त और पालन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। अब इन नस्लों के कुत्तों को पालना गैरकानूनी होगा और नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगेगा।
नगर निगम के अनुसार, जिन कुत्तों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें पिटबुल टेरियर, अमेरिकन स्टैफोर्ड रटेरियर, फीला ब्रेस्लिरो, डोगो अर्जेंटीना, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरबेल, कांगल, रूसी शेफर्ड, रॉटविलर, मास्टिफ, केन कोरो, अकबाश, वुल्फ डॉग्स, रोडेशियन रिजबैक सहित कुल 23 नस्लें शामिल हैं। इन नस्लों को अब शहर में न तो खरीदा जा सकेगा और न ही पाला जा सकेगा।
नगर निगम द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार यदि किसी का घर 200 वर्गगज तक का है तो वह अधिकतम 2 डॉग्स या बिल्लियां ही पाल सकता है। 300 वर्गगज के भवन में 4 पशु पालने की अनुमति दी गई है। 5 से अधिक डॉग्स या बिल्लियों को पालने के लिए श्वान शेल्टर बनाना अनिवार्य होगा और इसके लिए हर 6 माह में 2000 रुपए की लाइसेंस फीस देनी होगी।
डॉग्स या कैट्स पालने के लिए वार्षिक 500 रुपए प्रति पशु के हिसाब से लाइसेंस लेना जरूरी होगा। वहीं, कमर्शियल स्थलों पर कुत्ते पालने के लिए प्रति कुत्ता 1000 रुपए लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया गया है।
नए नियमों के अनुसार यदि कोई अपने पालतू जानवर को सार्वजनिक स्थानों पर घुमाने ले जाता है तो उसे नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त करना होगा और लाइसेंस टोकन उसके गले में होना चाहिए। इसके साथ ही डॉग्स और बिल्लियों को पब्लिक प्लेस और यहां तक कि लिफ्ट में भी मास्क पहनाकर ले जाना अनिवार्य होगा।
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि पालतू पशुओं का नियमित टीकाकरण कराना जरूरी होगा और इसका प्रमाण पत्र लाइसेंस लेते समय दिखाना होगा। वहीं, अगर कोई व्यक्ति सड़क किनारे घूमने वाले जानवरों को खाना देता है और उससे गंदगी फैलती है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
नगर निगम क्षेत्र में संचालित सभी पेट क्लिनिकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि उनके यहां इलाज कराने आने वाले सभी डॉग्स और कैट्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से किया जाए।

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