मुख्यपृष्ठनए समाचार‘ईडी’ २.० सरकार में ‘२ हाफ’ हो जाएंगे ‘२ पाव’! ...मंत्रिमंडल सीट...

‘ईडी’ २.० सरकार में ‘२ हाफ’ हो जाएंगे ‘२ पाव’! …मंत्रिमंडल सीट बंटवारे में भी भाजपा झुकने को तैयार नहीं

रामदिनेश यादव / मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस ने और उप मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शपथ ली है। अब सभी की नजरें मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हैं। शिंदे गुट और अजीत पवार गुट ज्यादा मंत्रालय पाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं, लेकिन भाजपा अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए शिंदे और अजीत पवार को दबाने में लगी है।
पिछली महायुति सरकार में सीएम शिंदे को फुल और दो डीसीएम को हाफ कहा जाता था। जानकारों का मानना है कि ईडी २.० सरकार में जो दो डीसीएम बनाए गए हैं, वे हाफ की जगह अब पाव भर रह जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी ताकत अब कम कर दी जाएगी। अजीत पवार को पहला बड़ा झटका लगा है। भाजपा उन्हें जल संपदा विभाग न देकर शिंदे को दे रही है। तो शिंद से सीएम पद तो छीना गया ही है, साथ ही उन्हें गृह मंत्रालय भी नहीं दिया गया है।
शिंदे को सर्वजनिक बांधकाम विभाग के साथ राजस्व भी मिल सकता है, तो वहीं अजीत पवार के दो विभाग यह कहकर कम कर दिए जा रहे हैं कि फिर आपको पुणे का पालक मंत्री नहीं बनाया जाएगा।

शिंदे-दादा कोटे से भी बनेंगे भाजपा के मंत्री!
ईडी २.० सरकार का गठन हो चुका है। नए मंत्रिमंडल में कुल ४२ मंत्रालय में से भाजपा २४ से अधिक मंत्री अपने बनाएगी, जबकि शिंदे गुट को १० और अजीत पवार गुट को ८ मंत्री पद मिलेंगे। शिंदे को ५ वैâबिनेट और ५ राज्य मंत्री तो अजीत पवार को चार वैâबिनेट और चार राज्य मंत्री पद मिलेंगे। आश्चर्य की बात तो यह होगी कि शिंदे और दादा कोटे से भी भाजपा के लोग मंत्री बनेंगे। आज मंत्रालय के विभागों के बंटवारे के लिए महायुति की बैठक भी आयोजित की गई है।
शिंदे को भाजपा ने दिया ‘टुकड़ा’
भाजपा द्वारा पहले मुख्यमंत्री और फिर गृह मंत्रालय शिंदे को देने से इनकार करने के बाद उनकी नाराजगी बढ़ गई है, लेकिन शिंदे को उनकी औकात के अनुसार, सीमित मंत्रालय देकर भाजपा कंट्रोल में रखेगी। हालांकि, गिरीश महाजन से लेकर देवेंद्र फडणवीस तक ने शिंदे की नाराजगी दूर करने के लिए कई प्रयास किए। शिंदे उप मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले रहे थे, पर फडणवीस ने खुद पहल कर तीन ऑप्शन दिए, जिसके बाद उन्होंने शपथ ली। शिंदे का तर्क भी अपनी जगह सही है कि पिछली बार महायुति सरकार में देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री थे, उनके पास गृह विभाग था तो अगर इस बार उन्हें उप मुख्यमंत्री पद दिया जा रहा है, तो गृह मंत्रालय भी मिलना चाहिए। लेकिन भाजपा ने गृह मंत्रालय शिंदे को देने से इनकार कर दिया, जिसके कारण यह नाराजगी का मामला शुरू हुआ।
भाजपा-दादा गुट में पालक मंत्री पद पर तकरार
पुणे जिले के पालक मंत्री पद के लिए भाजपा कार्यकर्ता और अजीत पवार गुट के समर्थक अपने-अपने नेताओं को मौका दिए जाने की मांग कर रहे हैं। दोनों ही दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा इस मांग को लेकर जोर-शोर से आवाज उठाई जा रही है। इस संबंध में भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील ने कहा कि महायुति में यदि कुछ निर्णय होता है, तो सभी को समझदारी दिखानी चाहिए। दादा गुट के जिला अध्यक्ष प्रदीप गारटकर ने अजीत पवार को पालक मंत्री बनाए जाने की मांग की है। उनका दावा है कि २००४ से दादा पुणे शहर और जिले के लिए सक्रिय भूमिका में रहे हैं। उनके पास जिले की राजनीति और प्रशासन का गहरा अनुभव है, साथ ही प्रशासन पर उनकी पकड़ भी मजबूत है। इस आधार पर दादा को पालक मंत्री बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।

२००४ से दादा पुणे शहर और जिले के लिए सक्रिय भूमिका में रहे हैं। उनके पास जिले की राजनीति और प्रशासन का गहरा अनुभव है, इस आधार पर दादा को पालक मंत्री बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।

 

अन्य समाचार