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‘समान काम व समान वेतन’ की मांग को लेकर सरकार के विरोध में बेस्ट कर्मचारी!

-मांगों को जल्द किया जाए पूरा संविदाकर्मियों को किया जाए स्थाई

सामना संवाददाता / मुंबई

बेस्ट द्वारा संचालित बसों के श्रमिकों और कर्मचारियों का शोषण करने के साथ ही उन्हें विभिन्न सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है, इसलिए शुक्रवार को ‘संघर्ष कर्मचारी संघ’ ने विरोध प्रदर्शन कर कर्मचारियों की मांगें प्रशासन के सामने रखीं। बेस्ट गतिविधियों में संविदा कर्मियों को ‘समान काम, समान वेतन’ के सिद्धांत के अनुसार भुगतान किया जाना चाहिए। साथ ही ‘संघर्ष श्रमिक कामगार कर्मचारी’ संघ की ओर से मांग की गई कि सभी संविदाकर्मियों को बेस्ट में स्थायी तौर पर लिया जाए।
डेढ़ हजार कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
पिछले दो वर्षों से अपनी समस्याओं और विभिन्न मांगों को लेकर ‘संघर्ष कर्मचारी संघ’ ने बेस्ट, महानगरपालिका के आयुक्त, संबंधित सेवा प्रदाताओं को पत्र भेजे हैं। इसके बावजूद अब तक कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल सका है, इसलिए शुक्रवार को यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया। इस समय एक से डेढ़ हजार कर्मचारी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर श्रमायुक्त, उपश्रमायुक्त को ज्ञापन देकर विभिन्न मांगें की गईं।
एक समान मिले वेतन और सुविधा
विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि बेस्ट में चलने वाली बसों पर काम करनेवाले सभी श्रमिकों को बेस्ट का एम्प्लॉई घोषित किया जाना चाहिए, साथ ही उन्हें स्थाई रूप से नियोजित करना चाहिए। ‘समान काम, समान वेतन’ के सिद्धांत का पालन करते हुए, कर्मचारियों का वेतन, बोनस/अनुदान, मुफ्त बस यात्रा, चिकित्सा सुविधाएं, कैंटीन, शौचालय और अन्य सभी सेवाएं लागू होनी चाहिए।
महिलाओं को मिले विशेष सुविधा
सभी महिला श्रमिकों एवं कर्मचारियों को विशेष सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ संलग्न चेंजिंग एरिया, अलग वॉशरूम और एक समिति की तत्काल व्यवस्था करनी चाहिए। ‘समान काम के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत के अनुसार, वेतन का पुनर्निर्धारण सेवा के पहले दिन से शुरू किया जाना चाहिए और वेतन का भुगतान तुरंत शुरू किया जाना चाहिए और पूरा बकाया प्रदान किया जाना चाहिए।

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