मुख्यपृष्ठसमाचारमुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म योजना में शिंदे सरकार का घपला!

मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म योजना में शिंदे सरकार का घपला!

-गुजरात-राजस्थान के व्यापारियों को कपड़ा खरीद में फायदा पहुंचाने की साजिश

-राज्य प्राथमिक शिक्षा परिषद ने १३८ करोड़ रुपए का जारी किया टेंडर

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र के स्कूलों में इस शैक्षणिक साल से ४०.६० लाख छात्रों को निशुल्क युनिफॉर्म देने की योजना में शिंदे सरकार ने घपला करने की साजिश रची है। इसके तहत कपड़ा खरीदी को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन आनेवाले महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद की ओर से हाल ही में १३८ करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है। इस टेंडर में गुजरात और राजस्थान के कपड़ा व्यापारियों के मन मुताबिक नियम और शर्तें शामिल की गई हैं। इस तरह का आरोप लगाते हुए भिवंडी के विधायक रईस शेख ने इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द करते हुए कपड़ा महाराष्ट्र राज्य हथकरघा निगम के माध्यम से खरीदा जाए। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विधायक रईस शेख ने कहा है कि इस योजना के लिए १.२० करोड़ मीटर कपड़ा खरीदने के लिए टेंडर निकाला गया है। उक्त निविदा १५ फरवरी तक भरी गई। देश के १३ लाख हथकरघों में से आधे महाराष्ट्र में हैं और उनमें से अधिकांश भिवंडी में हैं। हालांकि, स्कूल शिक्षा विभाग इस योजना के लिए गुजरात और राजस्थान के कपड़ा निर्माताओं से कपड़ा खरीदना चाहता है। इस टेंडर में यह व्यवस्था की गई है कि महाराष्ट्र के हथकरघा मालिक इस बोली से दूर रहेंगे।
टेंडर में शामिल की गई हैं कठिन शर्तें
विधायक रईस शेख ने कहा कि एक साजिश के तहत टेंडर में हिस्सा लेने की कतार में शामिल गुजरात और राजस्थान के कपड़ा व्यापारियों के लिए प्रतिदिन एक लाख मीटर तक उत्पादकता की शर्त रखी गई है। मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म टेंडर के लिए प्री-टेंडर बैठक दो फरवरी को शिक्षा परिषद के मुंबई कार्यालय में आयोजित की गई थी। इसमें गुजरात और राजस्थान के व्यापारियों के साथ कुछ स्थानीय व्यापारियों ने भाग लिया। इसलिए विधायक शेख ने पत्र में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि टेंडर पहले ही तय कर लिया गया है और उसी के अनुरूप योजना बनाई गई है।

 

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