मुख्यपृष्ठसमाचारपालघर में टीबी का टेंशन!... सालभर में हुई ५४ लोगों की मौत

पालघर में टीबी का टेंशन!… सालभर में हुई ५४ लोगों की मौत

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर

जिले में टीबी के मरीजों की संख्या और मौत के आंक़ड़े बढ़ते जा रहे हैं। सालभर में ही टीबी के ५४ मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि २,९४९ मरीज अभी भी टीबी से जूझ रहे हैं। टीबी के बढ़ते मरीजों के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जानेवाले क्षय रोग उन्मूलन पर भी बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है। विशेष रूप से विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान की गई स्क्रीनिंग के दौरान १,९७४ संदिग्ध मामले पाए गए। इससे पता चला कि पालघर और दहाणू तालुका में टीबी रोगियों की संख्या बहुत अधिक है। चिकित्सीय जांच के दौरान जिले के ७७ हजार मरीजों में से करीब ३४ हजार मरीजों की क्षय रोग की जांच की गई। इनमें से प्रारंभिक जांच में १,९७४ मरीजों की व्यापक जांच की जा चुकी है और १४० मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है।
टीबी रोगियों की बढ़ती संख्या स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा रही है। यह पता चला है कि टीबी के रोगियों की मृत्यु का कारण यह है कि वे दवा लेने में लापरवाही बरतते है, लेकिन टीबी मरीजों इतनी बड़ी संख्या स्वास्थ्य विभाग दावों को एक बार फिर खोखला बता दिया है।
सरकार की निक्षय पोषण योजना से टीबी रोगियों को ५०० और ५०९ रुपए प्रति माह सब्सिडी दी जाती है, ताकि टीबी रोगियों को स्वस्थ आहार मिल सके, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि यह योजना सभी मरीजों तक नहीं पहुंच पाई है। हालांकि, टीबी रोग के लिए सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन कुछ जगहों पर एक्स-रे मशीनें बंद हैं। कुछ स्थानों पर एक्स-रे तकनीशियन उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को निजी केंद्रों पर जाना पड़ता है। कई स्थानों पर टीबी जांच केंद्र उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन समय लेनेवाली प्रक्रिया के कारण मरीज इन केंद्रों पर नहीं जाते हैं।

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