फिरोज खान
५० वर्षीय महिला के पति की साल २००८ में मौत हो गई थी। पति के देहांत के बाद महिला ने अपनी २८ वर्षीय बेटी की शादी कर दी। बेटी को विदा करने के बाद महिला अकेलापन महसूस करने लगी थी। बेटी और रिश्तेदारों से राय लेने के बाद उसने शादी करने का पैâसला कर लिया। नई जिंदगी और नए जीवनसाथी की तलाश में विधवा महिला मैट्रिमोनियल साइट पर पहुंची, जहां ५१ वर्षीय व्यक्ति के साथ उसकी दोस्ती हुई। कुछ ही महीनों में दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने मंदिर में कुछ मेहमानों की मौजूदगी में शादी कर ली। दोनों मालाड (पूर्व) दिंडोशी इलाके में रहने लगे। एक दिन सुबह महिला जब नींद से जागी तो उसने देखा कि उसका नया जीवनसाथी गायब था। महिला ने पति को मोबाइल पर संपर्क किया तो पता चला मोबाइल स्विच ऑफ है। उसे कुछ शक हुआ और अलमारी चेक की तो पता चला अलमारी में रखे १६ लाख रुपए के जेवरात साफ हो चुके थे। ठगे जाने का एहसास होते ही महिला के पैरों तले जमीन खिसक गई और बदहवासी के आलम में वो बिस्तर पर गिर पड़ी। कुछ देर तक बिस्तर पर सुन्न पड़ी महिला ने अब बेटी को फोन लगाया और उसे सारी कहानी कह सुनाई। अब मां-बेटी फौरन मालाड (प.) स्थित उस कंपनी में जा पहुंची जहां फरेबी दूल्हा काम करता था। वहां जाने के बाद उन्हें जो जानकारी मिली उसे सुनकर दोनों के होश उड़ गए। कंपनी में काम करनेवालों ने बताया कि वह शख्स कई दिनों से वहां आया ही नहीं है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि उनकी तरह और भी कई महिलाएं आरोपी को ढूंढ़ने के लिए वहां पहुंची थीं। उन महिलाओं ने भी यही बताया था कि वे विधवा थीं और उनका विवाह आरोपी के साथ हुआ था। बाद में वो उनके गहने लेकर फरार हो गया। मां-बेटी को समझते देर नहीं लगी कि उनके साथ भी धोखा हुआ है। अब दोनों दिंडोशी पुलिस स्टेशन पहुंचीं और फरार व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि फरार आरोपी हकीकत में कई विधवाओं से शादी कर उनकी तिजोरी से लाखों रुपए के गहने लेकर गायब हो चुका है।
खैर, साइट पर जान-पहचान बढ़ाकर शादी करने का रिवाज इन दिनों काफी बढ़ गया है, जबकि यह तरीका बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। बेहतर यही है कि जान-पहचान या रिश्तेदारों के जरिए रिश्ता ढूंढ़ना चाहिए, ताकि धोखाधड़ी न हो सके।