फिरोज खान
सेक्स की सनक अक्सर भयानक रूप ले लेती है। शारीरिक सुख पाने के लिए एक महिला ने जो कदम उठाया, वह बेहद हैरान कर देने वाला था। पति की दूरी ने उसे रातों को बिस्तर पर करवटें बदलने पर मजबूर कर दिया था। अपनी हसरतें पूरी करने के लिए वह हर पल बेचैन रहती। अपनी कामुक इच्छाओं को पूरी करने के लिए उसने अपने २० साल के नौजवान देवर पर जवानी निछावर कर दी। इसके बाद देवर के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज में रहने वाला राजू पेशे से ट्रक ड्राइवर था। उसकी पहली शादी २२ साल की उम्र में हो गई थी। एक बेटे और बेटी के जन्म के बाद वह अपनी पत्नी के साथ बुरा व्यवहार करने लगा था। नशे की लत और उस की प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। पत्नी के मरने के कुछ महीने बाद उसने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रहने वाली अंजू के साथ शादी कर ली। ट्रक ड्राइवर होने के नाते राजू महीनों घर से दूर रहता था। पति की दूरी अंजू को बिल्कुल नहीं भाती थी। उसका राजू के साथ झगड़ा होना शुरू हो गया।
आखिरकार अंजू नौजवान देवर को अपने करीब लाने लगी। दोनों के नाजायज संबंध की भनक घर वालों को लगी तो घर की बात बाहर न जाए इसलिए आनन-फानन में देवर की शादी कर दी जाती है। हालांकि, शादी के बाद भी मौका मिलते ही देवर-भाभी का संबंध बन जाता था। एक दिन संबंध बनाने के बाद राजू ने कहा, `हम कब तक यूं छिप-छिपकर मिलते रहेंगे। मेरे पास एक प्लान है, अगर तुम कहो तो तुम्हारे पति को ठिकाने लगा देते हैं।’ साजिश के मुताबिक, राजू जहर लाकर अंजू को देता है और कहा कि इसे खाने में मिलाकर दे देना। कुछ ही दिनों में राजू घर आता है। पति को देख अंजू उसे अपने गले लगा लेती है और खूब प्यार करती है। इसके बाद अंजू समोसे में जहर मिलाकर पति को दे देती है। समोसा खाते ही राजू का सिर चकराने लगता है। वह समझ नहीं पाता है कि क्या हो रहा है। कुछ समय बाद उसके मुंह से झाग निकलने लगता है। अंजू खामोशी से सब कुछ देख रही थी और इंतजार कर रही थी कि राजू कब दम तोड़ दे। कुछ देर छटपटाने के बाद राजू की मौत हो जाती है।
जब उसे यकीन हो गया कि राजू की मौत हो चुकी है तो फौरन अपने देवर को फोन करके बुला लेती है। दोनों मिलकर लाश को भूसे वाली कोठरी में छिपा देते हैं। दूसरे दिन देवर अपने भाई राजू की लाश के तीन टुकड़े कर अलग-अलग बांधकर बोरे में भर देता है। रात के अंधेरे में देवर लाश से भरे बोरे को पास के नाले में फेंक आता है। चंद दिनों बाद राजू की लाश नाले के पास मिलती है। इसके बाद पुलिस की तहकीकात शुरू होती है। पुलिस को पहले ही अंजू पर शक हो जाता है, क्योंकि पति के लापता होने की शिकायत उसने पुलिस थाने में दर्ज नहीं करवाई थी। पुलिस अंजू से सख्ती से पूछताछ करती है तो वह अपना गुनाह कबूल करते हुए सारी हकीकत बता देती है। पुलिस ने अंजू और उसके देवर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।