जिंदगी का सफर

छूट जाते हैं लोग
प्यार भरा दिल तोड़ जाते हैं
दिल पुकारे उनको
फिर भी लौट के नहीं आते हैं
जिंदगी रुख जाती है
नया मोड़ लेती है
फिर भी बिछड़े हुए
पलकों में छा जाते हैं
भूल नही पाते हैं
अश्रु पी जाते हैं
दर्दे दिल समझ नहीं पाता
फिर भी दिल को मनाते हैं
रह जाती हैं निशानियां
बन के सवालियां
बदल जाता है सारा आलम
क्या करें नए मोड़ में
मज़े कम आते हैं
फिज़ा भी खिजां लगती है
ठंडी हवाएं भी शूल लगती हैं
तरस जाता है मन
एक बार पीछे मुड़कर देखें
शायद आवाज़ दे हमें कोई
पर हार जाते हैं इंतजार करते
जिंदगी का सफर सुहाना है
लोगों का आना जाना
इसी में सर्व आनंद है
पीछे रहना आगे बढ़ना
जीवन का यही कारवां है
यही फलसफा पुराना है

अन्नपूर्णा कौल, नोएडा

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