मुख्यपृष्ठनए समाचारन्यायालय में जज के सामने वकील को आया दिल का दौरा, मौत

न्यायालय में जज के सामने वकील को आया दिल का दौरा, मौत

-दीवानी न्यायालय में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं पर उठे सवाल

सामना संवाददाता / सुल्तानपुर

स्थानीय दीवानी न्यायालय में सोमवार को पेशी पर पहुंचे एक वकील को अदालत में जज के सामने ही दिल का दौरा पड़ गया, जिससे वे अचानक चेतना शून्य होकर जमीन पर गिर पड़े। सहकर्मी अधिवक्ता व वादकारियों ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का प्रयास किया और आनन-फानन एंबुलेंस बुलाई, लेकिन उन्हें बचाया न जा सका। अधिवक्ता को सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। भरी अदालत में पेशी के दौरान हुई इस घटना ने अधिवक्ता समुदाय को स्तब्ध कर दिया है। साथ ही दीवानी न्यायालय में आपातकालीन परिस्थिति में चिकित्सा व एंबुलेंस की उपलब्धता को भी सवालों के घेरे में ला दिया है।
घटनाक्रम के अनुसार मूलतः अमेठी जिले के ककवा महमदपुर गांव निवासी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह (५६) स्थानीय अदालत में प्रैक्टिस करते थे। सोमवार को वे हमेशा की तरह ही दीवानी न्यायालय आए और किसी मुकदमे में पेशी पर कोर्ट नंबर २६, परिवार न्यायालय में गए थे। महिला न्यायाधीश इजलास में अपनी कुर्सी पर थीं और मुकदमों की सुनवाई कर रही थीं। करीब सवा दो बजे कोर्ट में सामने बेंच पर बैठकर अपने मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे अधिवक्ता सिंह अचानक एक दिशा में चेतनाशून्य होकर लुढ़कने लगे। इस पर वहां मौजूद वादकारियों ने दौड़कर उन्हें संभालने का प्रयास किया। लोगों को पहले महसूस हुआ कि अत्यधिक गर्मी के परिणामस्वरूप से अधिवक्ता अचेत हो गए हैं, लेकिन स्थिति गंभीरता समझ आई तो सहकर्मी अधिवक्ताओं ने एंबुलेंस बुलाई, लेकिन मार्ग जाम व रूट समझने में देरी के कारण करीब आधे घंटे लग गए। इस दौरान पीड़ित अधिवक्ता को सहकर्मियों मुश्ताक अहमद व सुभद्रा श्रेष्ठ, सुमन शुक्ला आदि ने सीपीआर देने का प्रयास भी किया, लेकिन सारी कवायद व्यर्थ हो गई। किसी तरह एंबुलेंस से पीड़ित अधिवक्ता को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन तब तक उनके प्राण पखेरू उड़ चुके थे। फिलहाल, इस घटना ने सुल्तानपुर दीवानी न्यायालय में इमरजेंसी मेडिकल सुविधाओं को लेकर पुनः सवाल खड़े कर दिए हैं।

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