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महाराष्ट्र गुंडागर्दी का सबसे बड़ा अड्डा बना …सांसद संजय राऊत ने की मुख्यमंत्री की आलोचना

सामना संवाददाता / मुंबई
संसद में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण केवल एक प्रचार होता है, मोदी ने देश के किसी भी गंभीर मुद्दे पर बात नहीं की। मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से हिंसा भड़की हुई है। जम्मू-कश्मीर में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर का घेराव करने की कोशिश की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम मुद्दों को छोड़कर केवल चीन की घुसपैठ बढ़ गई है, इस पर टिप्पणी की। महाराष्ट्र जैसा बड़ा राज्य गुंडागर्दी का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। असंवैधानिक रूप से बने मुख्यमंत्री गुंडों को बढ़ावा दे रहे हैं। विधायक ने पुलिस स्टेशन में फायरिंग की, क्या मोदी ने कुछ कहा? यह कहते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने मोदी सहित मुख्यमंत्री शिंदे पर जमकर हमला बोला।
दिल्ली में आयोजित पत्रकार परिषद में संजय राऊत ने कहा कि जिस तरह से गैंगस्टर और गैंग राज्य के मुख्यमंत्री के वर्षा बंगले और मंत्रालय में उनसे मिल रहे हैं। हत्या, डवैâती, बलात्कार के अपराध में जमानत पर रिहा हुए गैंगस्टरों के ये गिरोह वास्तव में क्यों राज्य के मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं और क्या चर्चा कर रहे हैं? ऐसा बड़ा सवाल संजय राऊत ने उठाया है। क्या मुख्यमंत्री इन गैंगस्टर गिरोह का इस्तेमाल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करेंगे या आगामी चुनावों में विपक्ष को समाप्त करने के लिए करेंगे? ऐसा सवाल भी संजय राऊत ने किया है।
देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है
मोदी ७८ मिनट तक कांग्रेस, नेहरू और इंदिरा गांधी की आलोचना करते रहे। कांग्रेस के डर से छुटकारा पाएं। नेहरू के काम का डर भाजपा के मन से नहीं जाता। सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ साल में १,७०० किसानों ने आत्महत्या की। आपने किसी भाषण में उनकी चर्चा की है? भाजपा भी एक ही प्रोडक्ट पर चल रही है। मोदी के सिवाय भाजपा के पास कोई विकल्प नहीं है? यह देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भाजपा का भ्रष्टाचार तानाशाही का उदाहरण है। मोदी ने आंखों पर पट्टी बांधी है क्या? ऐसा सवाल भी राऊत ने उठाया।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ के मामले में जो कहा, उसे हम ज्यादा महत्व नहीं देते। हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। महाराष्ट्र के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने संविधानेतर सरकार को फटकार लगाई थी। हम उनके प्रयासों का स्वागत करते हैं लेकिन पैâसले का क्या? फटकार के बावजूद जिस तरह से राहुल नार्वेकर नामक व्यक्ति ने पैâसला दिया और सरकार को मान्यता दी। इसका अर्थ यह हुआ के हम सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनते ऐसी तानाशाही शुरू है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल नार्वेकर या सरकार को बर्खास्त किया क्या? बदलाव कर संविधान को कुचल दिया गया है और सुप्रीम कोर्ट फटकार लगा रही है। सुप्रीम कोर्ट को फटकार के आगे का कदम उठाने की आवश्यकता है, ऐसा भी संजय राऊत ने कहा।

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