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म्हाडा का रु. ७०० करोड़ डकार गया DRP …-रिफंड के लिए भेजा जाएगा दूसरा रिमाइंडर

सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी के सेक्टर ५ में परियोजना पीड़ितों के लिए पांच भवनों के निर्माण में खर्च किए गए लगभग ६४१ करोड़ ६० लाख रुपए और ५८ करोड़ २२ हजार रुपए, लगभग ७०० करोड़ रुपए म्हाडा को दिए जाने चाहिए। म्हाडा उपाध्यक्ष ने सितंबर में धारावी पुनर्वास परियोजना प्राधिकरण (डीआरपी) को लिखे एक पत्र में ऐसी मांग की थी। सूत्रों ने बताया कि चार महीने बाद भी डीआरपी से राशि नहीं मिलने पर म्हाडा बकाया राशि के लिए डीआरपी को दूसरी बार रिमाइंडर भेजेगी।
धारावी वर्तमान में पुनर्विकास और सर्वे के दौर से गुजर रहा है। हालांकि, राज्य सरकार ने पहले धारावी में सेक्टर ५ के पुनर्विकास की जिम्मेदारी म्हाडा को सौंपी थी, जिसके अनुसार म्हाडा ने अपने खजाने से ७.११ हेक्टेयर भूमि का पुनर्विकास शुरू किया। साल २०११ में बिल्डिंग नं. १, २०१६ में बिल्डिंग नं. ४ एवं ५ और २०२० में भवन नं. २ और ३ का काम शुरू हुआ। बिल्डिंग १, ४ और ५ में झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया गया है। तो बिल्डिंग नं. २ एवं ३ का कार्य अंतिम चरण में है। इस बीच वर्ष २०१८ में राज्य सरकार ने सेक्टर ५ सहित पूरे क्षेत्र का एकीकृत विकास करने का निर्णय लिया, जिसे एक विशेष प्रयोजन कंपनी के माध्यम से म्हाडा को सौंप दिया गया। साथ ही तीन पूर्ण रूप से तैयार बिल्डिंगों और दो निर्माणाधीन भवनों का कार्य पूरा कर डीआरपी को सौंपने का आदेश दिया। उस समय यह भी निर्णय लिया गया था कि परिसर और इमारतों के निर्माण पर आने वाला खर्च म्हाडा को दिया जाएगा। पांच में से तीन इमारतें म्हाडा द्वारा पहले ही डीआरपी को हस्तांतरित कर दी गई हैं।
अगले महीने शुरू होगा सर्वे
राज्य सरकार द्वारा धारावी पुनर्विकास परियोजना को अडानी के गले उतारने के बाद अब सर्वे का काम फरवरी से तेज हो जाएगा। करीब दस लाख लोगों का डेटा और बायोमेट्रिक्स इकट्ठा किया जाना है। धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास ने कहा कि अडानी समूह की कंपनी दो चरणों में सर्वे करेगी। पहला चरण ३-४ सप्ताह में १०० लोगों के साथ किया जाएगा। दूसरे चरण में पूरे इलाके से डेटा इकट्ठा किया जाएगा और इसमें ९ महीने लगेंगे।

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