सामना संवाददाता / मुंबई
घाती गुट के मंत्री संजय राठोड़ के एक प्रस्ताव ने महाराष्ट्र की ‘ईडी’ २.० के आर्थिक दिवालियापन को उजागर कर दिया है। बताया गया है कि महायुति सरकार ने १,५०० करोड़ रुपए की अपूर्ण जलसंरक्षण परियोजनाओं को रद्द करने का पैâसला किया है। मंत्री राठोड़ के इस पैâसले ने महायुति सरकार की वित्तीय कमजोरी को साफ कर दिया है। एक ओर जहां सरकार नई घोषणाएं कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे पुरानी योजनाओं को रद्द करना पड़ रहा है। अब देखना है कि आगामी चुनावों में यह मुद्दा सरकार के लिए कितना नुकसानदायक साबित होता है।
मृदा व जलसंरक्षण मंत्री संजय राठोड़ ने विभाग को निर्देश दिए कि २००१ से २०२४ तक मंजूर पर अधूरे या शुरू न हुए प्रोजेक्ट्स को रद्द किया जाए। मंत्री राठौड़ ने मृदा व जलसंवर्धन विभाग में पिछले २० वर्षों से केवल प्रगतिपथ पर होने वाले कार्यों को रद्द करने का निर्णय लिया है। इनमें १,२०० से १,५०० करोड़ रुपए की लागत वाली योजनाएं शामिल हैं। जैसे ही मंत्री राठौड़ ने इस प्रस्ताव को तैयार करने के निर्देश दिए राज्य में महायुति सरकार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की चर्चा शुरू हो गई है। दूसरी ओर खुद राज्य सरकार का भी कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण नए विकास कार्यों को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
सरकार अपना रही किफायती खर्च की भूमिका
आगामी चार-पांच महीनों में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव की संभावना है इसलिए नए विकास कार्यों की मांग भी बढ़ने वाली है, जिससे सरकार किफायती खर्च की भूमिका अपना रही है। किसी भी परिस्थिति में दायित्व न बढ़े और जो दायित्व बढ़ चुका है, उसे कम करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। इसी का एक हिस्सा होते हुए जलसंवर्धन विभाग ने अपूर्ण और शुरू न हुए कार्यों को रद्द करने की तैयारी शुरू की है।
स्थानीय निकाय चुनावों से पहले संकट
अगले ४-५ महीनों में मनपा और पंचायत चुनाव होने की संभावना है। नए विधायक और जनप्रतिनिधि विकास कार्यों के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसे में सरकार ने कर्ज और खर्च कम करने के निर्देश सभी विभागों को दिए हैं।
विकास कार्यों के लिए नहीं है बजट
विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन जैसी योजनाओं का वादा पूरा नहीं कर पा रही। किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा भी लंबित है। एक ओर तीर्थक्षेत्रों और पर्यटन पर हजारों करोड़ खर्च करने की घोषणा हो रही है तो दूसरी ओर विकास कार्यों के लिए बजट नहीं है।