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मनरेगा पर भी मोदी सरकार की टेढ़ी नजर …५ साल में ४.४३ करोड़ से ज्यादा ‘जॉब कार्ड’ कैंसिल

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष २०१९-२० से अब तक ४.४३ करोड़ से ज्यादा मनरेगा ‘जॉब कार्ड’ निरस्त कर दिए हैं। यह जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को दी है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष २०१९-२० से २०२४-२५ के बीच कुल ४,४३,०४,६६१ मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना जॉब कार्ड निरस्त किए गए हैं। मंत्री पासवान ने कहा कि जॉब कार्डों का सत्यापन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की जानेवाली एक नियमित प्रक्रिया है।
जॉब कार्ड को उचित सत्यापन के बाद रद्द किया जा सकता है, जब जॉब कार्ड फर्जी या नकली हो या काम करने के लिए परिवार का सदस्य इच्छुक न हो, अथवा परिवार ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से विस्थापित हो गया हो या जॉब कार्ड में सिर्फ १ व्यक्ति का नाम हो और उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो।

बिहार में ९९ लाख कार्ड रद्द
मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष २०२४-२५ में ३० जुलाई तक कुल २२,२४,९८२ जॉब कार्ड निरस्त किए हैं। उन्होंने कहा कि २०२३-२४ में १.०२ करोड़ जॉब कार्ड निरस्त किए गए, जबकि २०२२-२३ में यह संख्या २.२५ करोड़ और २०२१-२२ में ५० लाख थी। उन्होंने कहा कि पिछले ५ साल में बिहार में करीब ९९ लाख जॉब कार्ड निरस्त किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में करीब ९१ लाख, ओडिशा में करीब ४२ लाख, मध्य प्रदेश में करीब ३७ लाख जॉब कार्ड निरस्त किए हैं।

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