मुख्यपृष्ठसमाचारउधारी के भरोसे मोदी सरकार... `१५.५ लाख करोड़ लेगी कर्ज!

उधारी के भरोसे मोदी सरकार… `१५.५ लाख करोड़ लेगी कर्ज!

– अंतरिम बजट में वित्त मंत्री दे सकती हैं संकेत

दुनिया की सबसे पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था उधारी के सहारे चल रही है। अब चुनाव के पहले केंद्र सरकार अपना अंतरिम बजट पेश करनेवाली है। अब वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र २०२४/२५ के लिए अपनी सकल बाजार उधारी को इस वित्तीय वर्ष के स्तर के करीब रख सकता है। यह उधारी करीब १५.५ लाख करोड़ की होगी। यानी सरकार देश चलाने के लिए इतने रुपए उधार लेगी। सरकार पहले भी उधार लेती रही है, पर कोविड महामारी खर्च के कारण फिलहाल यह दोगुनी से अधिक हो चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार, विकास से अवगत दो अधिकारियों ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण १ फरवरी को संघीय बजट पेश करेंगी तो हिंदुस्थान अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपनी सकल बाजार उधारी १५ लाख करोड़ रुपए (१८०.४७ बिलियन डॉलर) और १५.५ लाख करोड़ रुपए के बीच रख सकता है। यह ३१ मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए अपने १५.४३ लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के करीब है। इसमें से सरकार गत २२ जनवरी तक लगभग १४.०८ लाख करोड़ रुपए या लगभग ९१ प्रतिशत जुटा चुकी है। लेकिन यह महामारी से ठीक पहले २०१९/२० में उसकी सकल बाजार उधारी ७.१ लाख करोड़ रुपए से लगभग दोगुनी है। एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार इस वित्तीय वर्ष में अपनी बाजार उधारी कम करने को लेकर गंभीर है।’ दोनों अधिकारी अपना नाम उजागर नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें बजट योजनाओं के बारे में मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं है। हालांकि जानकारों के अनुसार, संभावित सकल उधारी के आंकड़े भी अर्थशास्त्रियों के १५.६ लाख करोड़ रुपए के अनुमान के करीब हैं। चुनावी वर्ष होने के बावजूद, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बोली लगा रहे हैं, सरकार कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी पर अपने खर्च को सीमित करके अपने राजकोषीय घाटे को कम से कम ५० आधार अंकों तक नियंत्रित कर सकती है। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि सरकार २०२४/२५ में अपने राजकोषीय घाटे को इस साल के ५.९ प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पादन का ५.३ प्रतिशत कर देगी।

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