- करोड़ों की फिजूलखर्ची के बावजूद यात्रियों, दिव्यांगों की स्थिति ‘जस की तस’
– प्रधानमंत्री आज करने वाले हैं उद्घाटन
सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के १०३ ‘अमृत भारत’ रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करने वाले हैं, जिनमें मुंबई के चार स्टेशनों को भी शामिल किया गया है। इस योजना का बड़े स्तर पर प्रचार किया जा रहा है, लेकिन हकीकत में रेलवे स्टेशनों की केवल रंगाई-पुताई और कुछ मामूली निर्माण कार्य हुए हैं, जबकि मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी बनी हुई है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद दिव्यांगों, वृद्धों, मरीजों और अन्य यात्रियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इसी कारण भाजपा सरकार की इस दिखावटी योजना पर मुंबईकरों ने तीखी नाराजगी जताई है।
‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देशभर के १०३ रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया गया है। इसमें मुंबई के मध्य रेलवे के परेल, चिंचपोकली, माटुंगा और वडाला स्टेशनों का समावेश है। इन स्टेशनों के पुनर्विकास पर कुल १३८ करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। रेलवे मंत्रालय का दावा है कि यात्रियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, परंतु वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में भीड़ और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण सरकार की इस दिखावटी योजना की प्रशंसा करने की बजाय मुंबईकरों ने गुस्से में प्रतिक्रिया दी है। मध्य रेलवे के यात्री रोहन कुलथे का कहना है कि लोकार्पण समारोह और विज्ञापनों पर जितना खर्च किया गया है, उसका आधा भी अगर यात्रियों की सुविधाओं पर लगाया जाता तो बात कुछ और होती। परेल क्षेत्र में कई अस्पताल हैं, जहां से हर दिन हजारों मरीज और उनके परिजन आवागमन करते हैं, जिनमें वैंâसर मरीज भी शामिल हैं। कई दिव्यांग लोग भी इन स्टेशनों का उपयोग करते हैं। बावजूद इसके, सरकार परेल स्टेशन पर मरीजों और दिव्यांगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है। यह बात मध्य रेलवे के एक दिव्यांग कर्मचारी ने कही।
रेलवे स्टेशन – पुनर्विकास के नाम पर फिजूलखर्ची
परेल – १९.४१ करोड़
चिंचपोकली – ११.८१ करोड़
वडाला रोड – २३.०२ करोड़
माटुंगा – १७.२८ करोड़
(इन चारों स्टेशनों पर उद्घाटन समारोह और प्रचार पर किया गया खर्च अलग है)
अमृत भारत स्टेशनों पर समस्याएं जस की तस
दिव्यांगों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव
जगह-जगह कचरे का ढेर, साफ-सफाई की हालत खराब
परेल स्टेशन पर मरीजों और दिव्यांगों को संकरे पुल से ही आना-जाना
रेलवे स्टेशन में अच्छी बैठने की व्यवस्था नहीं
प्लेटफॉर्म और फुटबोर्ड के बीच खतरनाक खाली जगह
महिला यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी
शौचालयों का उचित रखरखाव नहीं
पीने के शुद्ध पानी की सुविधा नहीं