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मोदी के दोस्त का भारत को झटका … ट्रम्प ने तानी टैक्स वाली तोप! …भारत को सालाना ७ अरब डॉलर का हो सकता है नुकसान

-एशियाई देशों पर ४ से ६ प्रतिशत तक अतिरिक्त टैरिफ
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने प्रस्तावित रिसिप्रोकल टैरिफ (आपसी शुल्क) की तोप भारत समेत कई देशों पर तान दी है। २ अप्रैल से लागू होने वाले इन शुल्कों का असर भारत के निर्यात क्षेत्र पर पड़ सकता है, जिससे सालाना ७ अरब डॉलर तक का नुकसान होने की आशंका है। यह सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों की एक नई परीक्षा है।
ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे खिलाफ दशकों से टैरिफ का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब हमारी बारी है। भारत जैसे देश हमारी कारों पर १०० फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, यह बिल्कुल अनुचित है।
उन्होंने यह भी कहा कि २ अप्रैल से यह नई व्यवस्था लागू होगी, जिसमें अमेरिका भी अन्य देशों के उत्पादों पर उसी तरह के शुल्क लगाएगा, जैसे वे देश अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। अब तक भारत ट्रंप के टैरिफ के निशाने से बचा हुआ था, लेकिन अब यह बदलने वाला है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स और डॉयचे बैंक के विश्लेषकों का मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ का अंतर इतना ज्यादा है कि भारत को इसकी सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ सकती है।

टैरिफ से किन सेक्टरों को होगा नुकसान?
रिपोर्ट के मुताबिक, सिटी रिसर्च ने कहा है कि भारत के निर्यात वाले क्षेत्रों जैसे कि ऑटोमोबाइल, कृषि, रसायन, धातु उत्पाद और गहनों पर इस टैरिफ की सबसे ज्यादा मार पड़ सकती है। भारत का अमेरिका को सालाना निर्यात लगभग ७४ अरब डॉलर का है, जिसमें ८.५ अरब डॉलर के गहने, ८ अरब डॉलर की दवाएं और ४ अरब डॉलर के पेट्रोकेमिकल शामिल हैं। अगर अमेरिका ने कृषि उत्पादों पर भी टैरिफ बढ़ा दिया तो भारत के किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।

भारत के निर्यात के लिए चुनौती
ट्रंप की यह धमकी न सिर्फ भारत के निर्यात के लिए चुनौती है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की एक नई परीक्षा भी है। अगर भारत सही रणनीति के साथ इस मुद्दे को हल कर पाता है तो यह एक बड़ी सफलता होगी। वरना ७ अरब डॉलर का नुकसान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

क्या पीयूष गोयल ट्रंप को मना पाएंगे?
इस बीच भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका का दौरा किया है। उनका मकसद ट्रंप प्रशासन को भारत पर टैरिफ लगाने से रोकना है। भारत और अमेरिका ने हाल ही में २०३० तक बायलिटरल ट्रेड को ५०० अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। गोयल इस दौरे में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। भारत ने पहले ही कई उत्पादों पर टैरिफ कम कर दिया है, जैसे कि हाई-एंड मोटरसाइकिल पर ५० फीसदी से घटाकर ३० फीसदी और बॉर्बन व्हिस्की पर १५० फीसदी से घटाकर १०० फीसदी, लेकिन कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने से भारत इनकार कर रहा है, क्योंकि इससे करोड़ों छोटे किसान प्रभावित होंगे।

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